समग्र समाचार सेवा
वॉशिंगटन, 15 अप्रैल। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस के साथ व्यापक चर्चा की। उन्होंने यूक्रेन युद्ध के वैश्विक प्रभाव के साथ-साथ अफगानिस्तान और म्यांमार की स्थिति पर विचारों का आदान-प्रदान किया। जयशंकर वॉशिंगटन के अपने दौरे के बाद बुधवार शाम न्यूयॉर्क पहुंचे थे। उन्होंने गुरुवार को ट्वीट किया, “संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटरेस के साथ व्यापक चर्चा हुई। यूक्रेन युद्ध के वैश्विक प्रभाव, खासकर खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा पर पड़ने वाले असर को लेकर विचारों का आदान-प्रदान किया।
अफगानिस्तान और म्यांमार के ताजा घटनाक्रम के बारे में बात की
विदेश मंत्री ने कहा कि अफगानिस्तान और म्यांमार के ताजा घटनाक्रम के बारे में बात की। अहम समकालीन चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने में भारत के साथ काम करने की उनकी दिलचस्पी की सराहना करता हूं। जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अपने अमेरिकी समकक्षों एंटनी ब्लिंकन और ऑस्टिन लॉयड के साथ ‘टू प्लस टू’ मंत्रिस्तरीय वार्ता के लिए बीते सप्ताहांत वॉशिंगटन पहुंचे थे।
भारत और अमेरिका की बीच चौथी ‘टू प्लस टू’ वार्ता
भारत और अमेरिका ने सोमवार को चौथी ‘टू प्लस टू’ वार्ता के बाद जारी संयुक्त बयान में तालिबान के नेतृत्व से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के प्रस्ताव का पालन करने का आह्वान किया था। इस प्रस्ताव में यह सुनिश्चित करने की मांग की गई है कि भविष्य में अफगान सरजमीं का इस्तेमाल किसी देश को धमकी देने, उस पर हमला करने या आतंकवादी वारदातों की साजिश रचने व उनका वित्तपोषण करने के लिए नहीं किया जाएगा।
‘अफगान नागरिकों के मानवाधिकारों का सम्मान जरूरी‘
बयान में दोनों देशों ने तालिबान से महिलाओं, बच्चों और अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों सहित सभी अफगान नागरिकों के मानवाधिकारों का सम्मान करने व यात्रा की आजादी को बहाल करने की मांग की थी। इसके अलावा, बयान में म्यांमार में हिंसा की समाप्ति, मनमाने ढंग से हिरासत में लिए गए सभी लोगों की रिहाई और लोकतंत्र व समावेशी शासन के रास्ते पर तेजी से लौटने का आह्वान किया गया था। इसमें आसियान (दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों के संगठन) की पांच सूत्री सहमति के तत्काल कार्यान्वयन का भी आग्रह किया गया था।