समग्र समाचार सेवा
गाजियाबाद, 11 अप्रैल। देशभर में मस्जिदों में लाउडस्पीकर प्रतिबंध को लेकर देशभर में छिड़ी बहस के बीच एक प्रसिद्ध कथक डांसर और आध्यात्मिक गुरु पुलकित मिश्रा उर्फ पुलकित महाराज के कथित विवादित बयान का वीडियो रविवार रात को सोशल मीडिया में वायरल हो गया। इस वीडियो में पुलकित महाराज एक धर्म को लेकर विवादित टिप्पणी करते सुने जा सकते हैं। वायरल वीडियो साहिबाबाद से जुड़ा होना बताया गया है।
महमूद गजनवी अभी मरा नहीं बल्कि इनमें से ही एक
वीडियो में पुलकित महाराज एक धर्म के लोगों के तेज आवाज में पूजा-अर्चना को लेकर विवादित टिप्पणी करने के साथ ही उन्हें हिंदू धर्म में शामिल होने का प्रस्ताव दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि महमूद गजनवी अभी मरा नहीं बल्कि इनमें से ही एक है।
सपा मीडिया सेल के ट्विटर हेंडल से भी शेयर किया गया
पुलकित महाराज का यह वीडियो समाजवादी पार्टी मीडिया सेल के ट्विटर हेंडल से भी शेयर किया गया है। इस विडियो में वह हिंदुओं से भी आतंकवादी बनने की अपील करते सुने जा सकते हैं। हालांकि, समग्र भारत स्वतंत्र रूप से इस वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है। वहीं, इस विवादित बयान के संबंध में गाजियाबाद पुलिस ने साहिबाबाद थाने में मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस वायरल वीडियो की जांच-पड़ताल भी कर रही है।
अगर मुसलमान पीएम बने तो 50 फीसदी हिन्दू कबूल कर लेंगे इस्लाम
बता दें कि राजधानी दिल्ली के बुराड़ी मैदान में 4 अप्रैल को हुई हिन्दू महापंचायत में डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती ने भी हिंदुओं से अपना अस्तित्व बचाने के लिए हथियार उठाने का आह्वान किया था। इतना ही नहीं, मुसलमानों के खिलाफ विवादित और अभद्र टिप्पणी करने के लिए प्रसिद्ध नरसिंहानंद ने अपनी टिप्पणी से यह कहकर एक और विवाद खड़ा कर दिया था कि अगर कोई मुस्लिम भारत का प्रधानमंत्री बना तो 20 साल में 50 प्रतिशत हिंदू धर्म परिवर्तन कर लेंगे। उन्होंने हिंदुओं को अपने अस्तित्व के लिए लड़ने के लिए हथियार उठाने का भी आह्वान किया।
खुद को बताते थे पीएम मोदी का गुरु, पुलिस ने किया था गिरफ्तार
गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने साल 2018 कथक डांसर पुलकित महाराज उर्फ पुलकित मिश्रा को रोहिणी सेक्टर-18 से गिरफ्तार किया था। उन पर आरोप था वह खुद को प्रधानमंत्री का आध्यात्मिक गुरु बताकर अलग-अलग राज्यों में सुरक्षा और वीआईपी प्रोटोकॉल की मांग करते थे। दिल्ली पुलिस ने पीएमओ से मिली शिकायत के बाद अगस्त में केस दर्ज किया था।