समग्र समाचार सेवा
गाजियाबाद, 28 मार्च। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट में जगह न मिलने के तुरंत बाद अतुल गर्ग ने लखनऊ स्थित अपना आवास खाली कर दिया। साथ ही एसएसपी पवन कुमार से वार्ता कर सुरक्षा भी लौटा दी। अब उनके पास नियमानुसार दो सुरक्षाकर्मी हैं, जबकि पहले छह जवान रहते थे। गाजियाबाद सीट से लगातार दूसरी बाद विधायक चुने गए अतुल गर्ग के दोबारा मंत्री बनने के कयास लगाए जा रहे थे। उनके साथ समर्थकों को भी उम्मीद थी कि पहले भी बड़ी जीत दर्ज करने के कारण मंत्री पद पक्का है।
अतुल गर्ग को 2017 में सरकार बनते ही राज्यमंत्री बनाया गया था
मंत्री बनने की रेस में साहिबाबाद विधायक सुनील शर्मा का भी नाम चल रहा था, लेकिन दोनों को मायूसी मिली। अतुल गर्ग को 2017 में सरकार बनते ही राज्यमंत्री बनाया गया था। इसीलिए उन्हें चार पुलिसकर्मियों के साथ एक एस्कार्ट वाहन दिया गया था। इसके अतिरिक्त दो पुलिसकर्मी उनके साथ रहते थे। लखनऊ से गाजियाबाद लौटने पर अतुल गर्ग ने दो टूक कहा कि जनता ने मोदी-योगी के नाम पर वोट दिया है। किसी प्रत्याशी को वोट नहीं मिले। मंत्री पद न मिलने को लेकर कहा कि यह संगठन का फैसला है, जिसका वह पूरा समर्थन करते हैं।
आखिरकार नरेन्द्र कश्यप को तोहफा मिल ही गया
मंत्रिमंडल गठन में हर वर्ग को साधने के साथ ही कर्मठ कार्यकर्ताओं को पूरा सम्मान दिया गया है। इसी का असर है कि जिले की पांच विधानसभा सीटों से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे विधायकों के हाथ बेशक निराशा लगी हो लेकिन पांच साल से भाजपा में काम करने का आखिरकार नरेन्द्र कश्यप को तोहफा मिल ही गया। शुक्रवार को उन्होंने लखनऊ में राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार के तौर पर जैसे ही शपथ ली, वैसेही गाजियाबाद के लोगों के चेहरे खिल उठे। कभी बसपा सुप्रीमो मायावती के नजदीकी रहे नरेन्द्र कश्यप ने 2017 में बसपा छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था।