पीएम मोदी ने किया बिप्लोबी भारत गैलरी का उद्घाटन

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!

 समग्र समाचार सेवा

कोलकाता, 25 मार्च। पीएम मोदी ने शहीद दिवस के अवसर पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल हॉल में बिप्लोबी भारत गैलरी का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज जब मैं इस गैलरी का उद्घाटन कर रहा हूं, तो तिरंगे के तीनों रंगों में नए भारत का भविष्य भी देख रहा हूं। केसरिया रंग अब हमें कर्मठता,कर्तव्य और राष्ट्रीय सुरक्षा की प्रेरणा देता है। सफेद रंग  सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबके प्रयास का पर्याय है। हरा रंग पर्यावरण की रक्षा और नवीकरणीय ऊर्जा भारत के बड़े लक्ष्यों का प्रतीक है।

बीरभूम में हुई हिंसक वारदात पर जताया दुख

पश्चिम बंगाल के बीरभूम में हुई हिंसक वारदात पर उन्‍होंने कहा कि इस घटना पर मैं दुख व्यक्त करता हूं, अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं। मैं आशा करता हूं कि राज्य सरकार, बंगाल की महान धरती पर ऐसा जघन्य पाप करने वालों को जरूर सजा दिलवाएगी।

शहीद भगत सिंहराजगुरु और सुखदेव के बलिदान को किया याद

अमर शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के बलिदान की गाथा देश के बच्चे-बच्चे की जुबान पर है। हम सबको इन वीरों की गाथाएं, देश के लिए दिन रात मेहनत करने के लिए प्रेरित करती हैं। हमारे अतीत की विरासतें हमारे वर्तमान को दिशा देती हैं, हमें बेहतर भविष्य गढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं। इसलिए, आज देश अपने इतिहास को, अपने अतीत को, ऊर्जा के जाग्रत स्रोत के रूप में देखता है।

भारत की धरोहरों को वापस लाया जा रहा

आपको वो समय भी याद होगा जब हमारे यहां आए दिन प्राचीन मंदिरों की मूर्तियाँ चोरी होने की खबरें आती थीं। हमारी कलाकृतियाँ बेधड़क विदेशों में बेची जाती थीं, जैसे उनकी कोई अहमियत ही नहीं थी। लेकिन अब भारत की उन धरोहरों को वापस लाया जा रहा है। 2014 से पहले के कई दशकों में सिर्फ दर्जनभर प्रतिमाओं को ही भारत लाया जा सका था। लेकिन बीते 7 सालों में ये संख्या सवा 2 सौ से अधिक हो चुकी है।

हैरिटेज टूरिज्म को गति दी जा रही

अपनी संस्कृति, सभ्यता की ये निशानियां, भारत की वर्तमान और भावी पीढ़ी को निरंतर प्रेरित करें, इस दिशा में ये एक बहुत बड़ा प्रयास है। स्वदेश दर्शन जैसी कई योजनाओं के जरिए हैरिटेज टूरिज्म को गति दी जा रही है। भारत को गुलामी के सैकड़ों वर्षों के कालखंड से आजादी, तीन धाराओं के संयुक्त प्रयासों से मिली थी। एक धारा थी क्रांति की, दूसरी धारा सत्याग्रह की और तीसरी धारा थी जन-जागृति अभियानों की।

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.