समग्र समाचार सेवा
कुशीनगर, 10 मार्च। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव-2022 में जिन चंद सीटों की सर्वाधिक चर्चा होती रही, फाजिलनगर विधानसभा सीट उनमें से एक है। इस सीट पर स्वामी प्रसाद मौर्य सपा के उम्मीदवार हैं। इस सीट पर पोस्टल बैलेट की गिनती पूरी हो गई है। शुरुआती रूझानों में स्वामी प्रसाद मौर्य पीछे चल रहे थे। थोड़ी देर बाद ही उन्होंने बीजेपी के सुरेन्द्र कुशवाहा को पीछे कर दिया लेकिन बीजेपी उम्मीदवार ने भी वोटों से पीछा करना जारी रखा और अब खबर मिल रही है कि स्वामी प्रसाद मौर्य एक बार फिर पीछे हो गए हैं।
स्वामी ने छोड़ दिया था भाजपा का दामन
यूपी के गैर यादव पिछड़े वर्ग के वोटरों में खास प्रभाव रखने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य ने ऐन चुनाव के पहले भाजपा का दामन छोड़ सपा का साथ पकड़ा तो राजनीतिक पंडित पूर्वांचल की राजनीति के समीकरणों की नए सिरे से व्याख्या करने लगे थे लेकिन चंद रोज बाद ही फिजा में बदली-बदली सी नज़र आने लगी। डैमेज कंट्रोल में जुटी भाजपा को कांग्रेस के कद्दावर नेता आरपीएन सिंह का साथ मिला तो पडरौना सीट से तैयारी कर रहे स्वामी अचानक अपनी सीट बदल फाजिलनगर पहुंच गए।
स्वामी को भाजपा के सुरेन्द्र कुशवाहा से कांटे की टक्कर मिली
बताया जा रहा है फाजिलनगर में स्वामी को भाजपा के सुरेन्द्र कुशवाहा से कांटे की टक्कर मिली है। जानकारों के मुताबिक इस सीट पर चनऊ और कुशवाहा बिरादरी के वोट प्रभावी भूमिका में रहते हैं। आज मतगणना में फाजिलनगर सीट के रूझान और परिणामों पर कुशीनगर से पूर्वांचल, पूरे उत्तर प्रदेश और दिल्ली की भी नज़र है। स्वामी ने सपा को जीत दिलाने के बड़े वादे किए थे। ऐसे में कड़े संघर्ष में उलझी सीट पर उनकी क्या स्थिति रहती है इससे सपा की स्थिति भी जुड़ी हुई है।
मंत्री पद से इस्तीफा देकर वह समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए
स्वामी प्रसाद मौर्य ने चुनाव के ठीक पहले भाजपा का साथ छोड़ दिया था। मंत्री पद से इस्तीफा देकर वह समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए थे। स्वामी प्रसाद मौर्य के पहले पड़रौना सीट से चुनाव लड़ने की चर्चा थी लेकिन आरपीएन सिंह के कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होने के बाद उन्होंने फाजिलनगर से लड़ने का निर्णय लिया। यहां स्वामी की बीजेपी के सुरेन्द्र कुशवाहा से कड़ी टक्कर रही। यहां तक कि चुनाव प्रचार खत्म होने वाले दिन पहले स्वामी और कुशवाहा के समर्थकों के बीच मारपीट तक हो गई। पुलिस ने इस मामलें में स्वामी की बेटी संघमित्रा मौर्य (बदायूं से बीजेपी सांसद) के खिलाफ केस भी दर्ज किया है। उधर, स्वामी प्रसाद के बेटे अशोक मौर्य को भी मतदाताओं को प्रभावित करने के इरादे से क्षेत्र में रुपए बांटने के आरोप में हिरासत में लिया था। अशोक को जिले की सीमा से बाहर करके मतदान होने तक जिले में प्रवेश न करने की हिदायत दी गई थी। बाद में प्रशासन ने उनके खिलाफ भी आचार संहिता उल्लंघन का केस दर्ज कर लिया था।