मणिपुर में फिर खिला कमल, पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में कर रही वापसी

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समग्र समाचार सेवा

इम्फाल, 10 मार्च। 5 राज्यों में जारी विधानसभा चुनाव में मतगणना जारी है। पंजाब में जिस अंदाज में आम आदमी पार्टी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए बंपर जीत हासिल की है, उसी तरह मणिपुर में सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी ने सभी समीकरणों को गलत साबित करते हुए इस पूर्वोत्तर राज्य में अपना सबसे शानदार प्रदर्शन किया है। बीजेपी ने सिर्फ अपने दम पर पूर्ण बहुमत हासिल कर लिया है। 2017 की तुलना में 10 अधिक सीट भी अपने खाते में डालने में कामयाब हुई। जबकि कांग्रेस को अपना सबसे खराब दौर का सामना करना पड़ रहा है।

बिना किसी रुकावट के ऐसे खिलता गया कमल

मणिपुर में माना जा रहा था कि भारतीय जनता पार्टी को सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ेगा लेकिन भगवा पार्टी ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए पूर्ण बहुमत हासिल करने से भी आगे निकल गई। 60 सदस्यीय विधानसभा में जारी मतगणना के आधार पर अब तक मिले रुझानों में बीजेपी को 31 सीट पर बढ़त हासिल हैं जबकि कांग्रेस का बेहद खराब प्रदर्शन रहा और उसे महज 6 सीटों पर बढ़त मिली। कांग्रेस ने पिछले चुनाव में 28 सीटें हासिल की थीं और उसे इस बार 22 सीटों पर नुकसान उठाना पड़ा। नगा पीपल्स फ्रंट को 7 सीटों सिमटता हुआ दिख रहा है।

सत्ता में वापसी में नाकाम रही कांग्रेस

5 साल पहले चुनाव में राज्य में बड़ी पार्टी के रूप में उभरने के बावजूद सरकार बनाने से चूकने वाली कांग्रेस को उम्मीद थी कि वो इस बार सत्ता में वापसी कर सकेगी। लेकिन उसे पिछली बार की तुलना में करारी हार का सामना करना पड़ा दूसरी ओर, बीजेपी ने मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह के साथ ही चुनाव लड़ने का फैसला लिया और उन्होंने पार्टी नेतृत्व के फैसले को सही ठहराया।

कांग्रेस का यहां पर 15 साल तक शासन रहा

2017 में मणिपुर से सत्ता गंवाने वाली कांग्रेस का यहां पर 15 साल तक शासन रहा। इस राज्य को कांग्रेस का गढ़ माना जाता था, लेकिन बीजेपी ने उसके गढ़ में सेंध मार दी। हालांकि 2017 के चुनाव में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था, लेकिन भाजपा ने 21 सीटों के बावजूद सियासी गणित से क्षेत्रीय दलों को जोड़कर सरकार बना ली थी।

सर्वे में भी बीजेपी की बड़ी जीत का दावा

इससे पहले चुनाव बाद आए एग्जिट पोल सर्वे में मणिपुर में भी बीजेपी की जीत की भविष्यवाणी की गई थी, जिसमें पार्टी को 23 से 43 तक की सीटें मिलने की उम्मीद जताई गई तो जबकि कांग्रेस को चार से 17 सीटों के बीच सिमटने की भविष्यवाणी की गई थी। नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के भी 4 से 14 सीटें जीतने का अनुमान जताया गया था। साथ ही भाजपा की सहयोगी एनपीएफ को 2 से 8 सीटें मिलने की उम्मीद एग्जिट पोल सर्वे में की गई थी। 5 साल पहले कांग्रेस 2017 के विधानसभा चुनाव में 28 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी लेकिन बीजेपी ने तत्परता दिखाते हुए जरुरी बहुमत जुटा लिया और सरकार बनाने में कामयाब हो गई थी।

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