एग्जिट पोल हर बार नहीं निकलते सही, 37 बार हो चुका बड़ा उलटफेर, जानें इस पोल के सही साबित होने की कितनी संभावना

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समग्र समाचार सेवा

लखनऊ, 9 मार्च। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के वोटों की गिनती 10 मार्च को होगी। इससे पहले एग्जिट पोल्स के नतीजों पर विश्लेषण चल रहा है। कोई एग्जिट पोल्स को सही मान रहा है तो कोई खारिज कर रहा है। एग्जिट पोल ऐसा सर्वे है जो वोट देकर पोलिंग बूथ से बाहर निकले मतदाताओं का इंटरव्यू करके किया जाता है। इसमें कई सवाल पूछे जाते हैं और ये जानने की कोशिश होती है कि वोटर ने किसे वोट दिया है।

कब हुई एग्जिट पोल की शुरुआत

जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 126 ए के तहत वोटिंग के दौरान ऐसी कोई चीज नहीं होनी चाहिए जो वोटरों के मनोविज्ञान पर असर डाले। वोटिंग खत्म होने के डेढ़ घंटे तक एग्जिट पोल्स का प्रसारण नहीं किया जा सकता है। सबसे पहला एग्जिट पोल 1967 में आया था। इसे शुरू करने का श्रेय नीदरलैंड के एक समाजशास्त्री और पूर्व राजनेता मार्सेल वॉन डैम को जाता है। उन्होंने 15 फरवरी 1967 में पहली बार एग्जिट पोल की शुरुआत की थी। तब आकलन सटीक बैठा था।

20 साल में 37 बड़े एग्जिट पोल में उलटफेर

–     पिछले 5 लोकसभा चुनाव, यानी 1999 से लेकर अब तक 2019 तक 37 बड़े एग्जिट पोल आए। 1999 में हुए चुनाव में ज्यादातर एग्जिट पोल्स ने एनडीए की बड़ी जीत दिखाई थी। उन्होंने एनडीए को 315 से ज्यादा सीटें दी थीं। नतीजों के बाद एनडीए को 296 सीटें मिली थीं।

–    2004 में एग्जिट पोल पूरी तरह से फेल साबित हुए। अनुमानों में दावा किया गया था कि कांग्रेस की वापसी नहीं हो रही। सभी ने भाजपा को बहुमत मिलता दिखाया था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। एनडीए को दो सौ सीट भी नहीं मिल सकीं। इसके बाद कांग्रेस ने सपा और बसपा के साथ मिलकर केंद्र में सरकार बनाई।

–    2009 में भी एजेंसियों ने यूपीए को 199 और एनडीए को 197 सीटें मिलने के कयास लगाए थे, लेकिन यूपीए ने 262 सीटें हासिल की थीं। एनडीए 159 सीटों पर सिमट गया।

–    2014 में एग्जिट पोल्स ने एनडीए को बहुमत मिलता दिखाया था। एक एजेंसी ने भाजपा को 291 और एनडीए को 340 सीटें मिलने का कयास लगाया था। नतीजा, अनुमान के काफी करीब रहा। भाजपा को 282 और एनडीए को 336 सीटें मिलीं।

–     2019 के लोकसभा चुनाव की बात करें तो 10 एग्जिट पोल्स में एनडीए को दी गई सीटों का औसत 304 था। यानी एनडीए को दोबारा सत्ता मिलने का अनुमान ठीक था, लेकिन यहां भी सीटों के मामले में अनुमान गड़बड़ हो गए। नतीजों में एनडीए की बजाय अकेले भाजपा को 303 सीटें मिलीं। एनडीए के खाते में 351 सीटें आईं।

एग्जिट पोल के बारे में क्या है धारणा

–    75 फीसदी ओपिनियन पोल में जीत के दावे सही साबित होते हैं।

–    23 फीसदी है एग्जिट पोल में सही सीटों की संख्या बता पाने का एवरेज, जो बेहद कम है

–    833 सर्वे हुए हैं 1980 के बाद देश में, इसमें ओपिनियन पोल और एग्जिट पोल दोनों शामिल हैं

–    1996 में सीएसडीएस के साथ दूरदर्शन ने एग्जिट पोल शुरू किया

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