लाला हरदयाल को पुण्यतिथि पर किया गया याद

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समग्र समाचार सेवा

नई दिल्ली, 4 मार्च। आज भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान क्रांतिकारी एवं गदर पार्टी के संस्थापक लाला हरदयाल की पुण्यतिथि है। बता दें कि आज के दिन यानि 4 मार्च 1939 को लाला हरदयाल का निधन हो गया था, प्रसिद्ध क्रांतिकारी, गदर पार्टी के संस्थापक सदस्य लाला हरदयाल की पुण्यतिथि पर देशभर में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला, मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत बड़े नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।

क्या बोले लोकसभा स्पीकर ओम बिरला

ओम बिरला ने लाला को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान क्रांतिकारी लाला हरदयाल जी की पुण्यतिथि पर नमन। ‘गदर पार्टी’ की स्थापना कर जन मानस विशेष तौर पर प्रवासी भारतीयों को आजादी की लड़ाई में योगदान देने के लिए प्रेरित व प्रोत्साहित करने का उन्होंने सराहनीय कार्य किया। वे सदैव हमारे प्रेरणास्रोत रहेंगे।

आजादी की लड़ाई के हीरो रहे लाला हरदयालः शिवराज

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट के माध्यम से कहा कि प्रसिद्ध क्रांतिकारी, गदर पार्टी के संस्थापक सदस्य लाला हरदयाल की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है, चौहान ने कहा कि आजादी की लड़ाई के हीरो रहे लाला हरदयाल ने अपने वैचारिक लेखन से भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को सींचा, उन्हें नमन।

हरदयाल ने देश की आजादी की लड़ाई में योगदान के लिये प्रेरित व प्रोत्साहित किया

लाला हरदयाल भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के उन अग्रणी क्रान्तिकारियों में थे जिन्होंने विदेश में रहने वाले भारतीयों को देश की आजादी की लड़ाई में योगदान के लिये प्रेरित व प्रोत्साहित किया। इसके लिये उन्होंने अमरीका में जाकर गदर पार्टी की स्थापना की। वहां उन्होंने प्रवासी भारतीयों के बीच देशभक्ति की भावना जागृत की। काकोरी काण्ड का ऐतिहासिक फैसला आने के बाद मई, सन् 1927 में लाला हरदयाल को भारत लाने का प्रयास किया गया किन्तु ब्रिटिश सरकार ने अनुमति नहीं दी।

4 मार्च 1939 में रहस्यमय मृत्यु

सन् 1939 में पुन: प्रयास करने पर अनुमति भी मिली परन्तु भारत लौटते हुए रास्ते में ही 4 मार्च 1939 को अमेरिका के महानगर फिलाडेल्फिया में उनकी रहस्यमय मृत्यु हो गयी। उनके सरल जीवन और बौद्धिक कौशल ने प्रथम विश्व युद्ध के समय ब्रिटिश साम्राज्यवाद के विरुद्ध लड़ने के लिए कनाडा और अमेरिका में रहने वाले कई प्रवासी भारतीयों को प्रेरित किया।

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