समग्र समाचार सेवा
बेंगलुरु, 22 फरवरी। कर्नाटक के शिमोगा में बजरंगदल कार्यकर्ता की हत्या के बाद तनाव का माहौल बन गया है। यहां की सड़कों पर सुरक्षाबलों से भरी गाड़ियां गश्त कर रही हैं। सोमवार को शहर में कई जगहों पर हिंसा हुई और बड़ी संख्या में गाड़ियों को आग लगा दी गई। दरअसल रविवार रात यहां 23 साल के बजरंग दल कार्यकर्ता हर्षा की चाकुओं से गोदकर हत्या कर दी गई थी। लोगों को कहना है कि वह हिजाब का विरोधी था और उसने सोशल मीडिया पर हिजाब के विरोध में एक पोस्ट लिखी थी। जिसके बाद एक विशेष समुदाय में उसके खिलाफ गुस्सा था।
शहर में कई जगहों पर पत्थरबाजी
सोमवार को शहर में कई जगहों पर पत्थरबाजी भी हुई। आज सुबह लोग अपने घरों के बाहर से पत्थर हटाते नजर आए। यहां के लोगों में भी डर हैं। उनका कहना है कि 24 घंटे चारों तर पुलिसवालों की गाड़ियां ही दिखाई देती हैं। इसके अलावा भीड़ कभी भी आकर हिंसा कर सकती है। उनकी गाड़ियों को जला सकती है। यहां के एक निवासी ने कहा, ‘लोग वाहनों को आग लगा देते हैं इसलिए हम गाड़ियां बाहर नहीं छोड़ते।‘
बड़ी संख्या में हिंदू संगठनों के लोग एकजुट
पोस्टमॉर्टम के बाद जब हर्षा का शव घर लाया गया तब भी बड़ी संख्या में हिंदू संगठनों के लोग पहुंचे थे। हालांकि पुलिस ने धारा 144 लगाई हुई थी। यहां के निवासी 59 साल के असलम पाशा ने कहा, ‘मेरा यहां 2003 से गोदाम है। राजनेता और श्री राम सेना के चीफ ऐसे बयान देते हैं जिससे हिंसा भड़कती है और हमें उसको भोगना पड़ता है।‘ पाशा यह बात कह रहे थे तभी आसपास के लोगों ने उनपर आरोप लगाया कि उनके गोदाम के बाहर रखे पत्थरों से ही हमला किया गया। उन पत्थरों को अंदर रखवा देना चाहिए। इन पत्थरों से लोग घरों को तबाह कर देते हैं। पाशा ने कहा, क्या मुझे सपना आया था कि ऐसा कुछ होने वाला है।