मुलायम नहीं करना चाहते थे अखिलेश के लिए प्रचारः बघेल

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समग्र समाचार सेवा
गिरोर, 19 फरवरी। यूपी के चुनावी रण में सपा-भाजपा की जुबानी जंग दिन पर दिन तेज होती जा रही है। दो दिन पहले सपा की जनसभा में करहल पहुंचे मुलायम सिंह यादव को लेकर भाजपा अखिलेश यादव पर लगातार निशाना साध रही है। सीएम योगी के बाद अब करहल सीट से भाजपा प्रत्याशी एसपी सिंह बघेल ने भी अखिलेश पर निशाना साधा और जमकर आलोचना की। रविवार को होने वाली तीसरे चरण की वोटिंग से पहले से बघेल ने कहा कि सपा प्रमुख को चुनाव हारने का डर है। दो दिन पहले करहल में सपा के चुनावी मंच पर पहुंचे मुलायम सिह यादव को लेकर बघेल बोले, करहल निर्वाचन क्षेत्र से सपा प्रत्याशी अखिलेश के लिए सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव को प्रचार करने के लिए मजबूर होना पड़ा।

अखिलेश बीमार पिता का सहारा ले रहे

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, बघेल ने कहा, मुलायम सिंह यादव उनके खिलाफ बोल सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया, क्योंकि सपा संरक्षक अब भी उनसे प्यार करते हैं। उन्होंने दावा किया ‘मुलायम सिंह यादव यहां अकेले नहीं आए, बल्कि उन्हें प्रचार करने के लिए मजबूर किया गया। उन्हें कमजोर निर्वाचन क्षेत्रों में प्रचार करना चाहिए था। आमतौर पर, बच्चा अपने बुढ़ापे में माता-पिता का सहारा होता है, लेकिन अखिलेश पहला बच्चा है जो बीमार पिता से करहल में नुकसान से बचने के लिए मदद मांग रहा है। उन्होंने कहा कि अखिलेश डूबते जहाज के कप्तान हैं और पूर्व कप्तान से मदद मांग रहे हैं।

अखिलेश ने खुद करहल की सीट चुनी है

बघेल ने कहा कि अखिलेश ने खुद करहल की सीट चुनी है और हार की ओर बढ़ रहे हैं, जो बताता है कि पूरा यादव परिवार चुनाव प्रचार के लिए क्यों आया था। उन्होंने कहा, ‘नेताजी (मुलायम सिंह) ने कभी अखिलेश का नाम नहीं लिया और न ही वोट मांगा। वह मेरे खिलाफ बोल सकते थे लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। वह अपने ही शिष्य पर हमला कर सकते थे लेकिन वह टाल गए क्योंकि यह इस बात का संकेत है कि मुलायम अब भी मुझसे प्यार करते हैं। मुलायम के पुत्र बनाम शिष्य के बीच करहल की सीट की प्रतियोगिता की तुलना करते हुए, बघेल ने महाभारत से एक सादृश्य लिया और कहा, हमारे पास हमेशा एक गुरु-शिष्य परंपरा थी, द्रोणाचार्य के पुत्र अश्वष्ठमा थे और अर्जुन एक शिष्य थे।

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