वंदे भारत ट्रेन का वर्जन-2 अप्रैल में पटरी पर, विमान जैसी खास सुविधाओं से लैस होगी

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समग्र समाचार सेवा

अंबाला18 फरवरी। देश में ही बनी वंदेभारत का वर्जन-2 अप्रैल 2022 में पटरी पर उतार दिया जाएगा। इसमें ऐसे कमाल के फीचर दिए गए हैं। जिससे यह बर्निंग ट्रेन नहीं बनेगी। ट्रेन विमान जैसी खास सुविधाओं से लैस होगी। चेन्‍नई के  इंटीग्रल कोच फैक्टरी (आइसीएफ) में नई वंदेभारत तैयार की जा रही है। इसमें यात्रियों की सहूलियत का विशेष ध्यान रखा गया है। अब बीड़ी व सिंगरेट सुलगाते ही डिब्बे में अलार्म बज जाएगा। यात्रियों की सुविधाओं में इजाफा करने के लिए कई परिवर्तन किए जा रहे हैं। ट्रेन की रेक्लाइनिंग सीट को पुशबैक से लैस किया जाएगा।

सीट को आराम से आगे पीछे किया जा सकेगा

सीट को पुश कर अपने आराम के हिसाब से आगे या पीछे किया जा सकेगा। पहले प्रत्येक कोच से आपातकालीन स्थित में दो यात्री सीधे लोको पायलट से बात कर सकते थे, लेकिन नई डिजाइजन से तैयार हो रही वंदेभारत में अब प्रत्येक कोच में चार माइक और स्विच होंगे। ट्रेन में सेंट्रलाइज्ड कोच लगाए जाएंगे, जिससे एक ही जगह से पूरी ट्रेन पर नजर रखी जा सकेगी। इसके अलावा पावर फेल होने के बाद ट्रेन भले ही रुक जाए लेकिन ट्रेन में लाइट आन होगी। मौजूदा समय तकनीकी दिक्कत आने के बाद ट्रेन में लाइट बंद हो जाती थी लेकिन अब बैटरी पर यह सुविधा रहेगी कि रोशनी प्रत्येक डिब्बे में रहे।

लाइटिंग के लिए वैकल्पिक व्यवस्था तीन घंटे तक रहेगी

लाइटिंग के लिए वैकल्पिक व्यवस्था तीन घंटे तक रहेगी। प्रत्येक कोच में चार इमरजेंसी विंडो होंगी, ताकि किसी भी आपात स्थिति में यात्रियों को जल्दी से जल्दी निकाला जा सके। ट्रेन के एसी और भी बेहतर किया जाएगा। कोच को बैक्टिरिया फ्री एयर कंडीशनिंग सिस्टम से लैस किया जाएगा। इतना ही नहीं यात्रियों की सुरक्षा को देखते पैसेंजर इन्फॉर्मेशन सिस्टम भी लगाया गया है।

खिड़कियों में फायर सर्वाइवल केबल का इस्तेमाल होगा

दरवाजे और खिड़कियों में फायर सर्वाइवल केबल का इस्तेमाल होगा, जिससे आग लगने की स्थिति में भी दरवाजा और खिड़कियां खोलना आसन होगा। अधिकारियों का प्रयास है मार्च तक वंदेभारत वर्जन-टू कर रेलवे बोर्ड को सौंप दिया जाये ताकि किसी रूट पर इसे दौड़ाया जा सकें। मौजूदा समय नई दिल्ली से वाराणसी और नई दिल्ली से कटरा के बीच वंदेभारत ट्रेनें दौड़ रही हैं। अब इसे नई दिल्ली-लखनऊ, नई दिल्ली-चंडीगढ़ या नई दिल्ली-अमृतसर के रूट पर दौड़ाया जा सकता है।

वंदेभारत की औसत स्पीड 100 से अधिक नहीं बढ़ सकी

वंदेभारत भले ही 160 किमी प्रति घंटा की रफ्तार के दावे के साथ ट्रेन पटरी पर उतार दी गई है लेकिन इस तेज रफ्तार के बावजूद यात्रियों का सफर उस हिसाब से कम नहीं हो पा रहा। शताब्दी और राजधानी की औसत स्पीड 90 से ऊपर नहीं आ पा रही। हालांकि वंदेभारत ट्रेन दौड़ने की क्षमता तो 130 किमी प्रति घंटा की रफ्तार आंकी जा चुकी है। लेकिन,  वंदेभारत की औसत स्पीड 100 किमी प्रति घंटा तक ही आ रही है।

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