इस्‍लाम में 5 चीजें अहम, हिजाब नहीं है जरूरीः आरिफ मौहम्मद खान

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समग्र समाचार सेवा

तिरुवनंतपुरम, 17 फरवरी। हिजाब विवाद के बीच केरल के राज्‍यपाल आरिफ मोहम्‍मद खान ने भी इस पर टिप्‍पणी की है। उन्‍होंने कहा है कि देश में हिजाब पर जारी चर्चा कोई विवाद नहीं है, बल्कि ये मुस्लिम महिलाओं को पीछे करने की साजिश है। उनका कहना है कि धर्म और शिक्षा के बीच कोई जंग नहीं है। केरल के राज्‍यपाल ने कहा है कि धर्म का मतलब इंसान को ज्ञानी बनाना है। उन्‍होंने कहा है कि इस्‍लाम में सिर्फ पांच चीजें अहम हैं। लेकिन इनमें हिजाब कहीं नहीं है।

हिजाब इस्लाम में एक अनिवार्य प्रथा

राज्यपाल ने यह भी कहा कि यह तर्क कि हिजाब इस्लाम में एक अनिवार्य प्रथा है और इसलिए संविधान के अनुच्छेद 25 के संरक्षण की आवश्यकता है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उन्‍होंने कहा कि इस्लाम में धार्मिक पुस्तकें विस्तार से वर्णन करती हैं कि इसमें क्या आवश्यक है। राज्‍यपाल ने कहा केवल पांच आवश्यक विशेषताएं हैं, जिन्हें अर्कान ए इस्लाम कहा जाता है। ये हैं – कलिमा के माध्यम से विश्वास की पुष्टि, नियमित अंतराल पर प्रार्थना, रमजान के दौरान उपवास, दान और हज। उन्होंने कहा कि इनमें कुछ जोड़ना या हटाना नहीं हो सकता है।

खान ने सुप्रीम कोर्ट का दिया हवाला

सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए उन्‍होंने कहा कि यह निर्धारित किया गया है कि कोई भी पहलू जिस पर संविधान के अनुच्छेद 25 के संरक्षण का दावा किया जाता है, वो आवश्यक, आंतरिक और आस्था के लिए अभिन्न अंग होने चाहिए। हिजाब विवाद कर्नाटक के उडुपी में पिछले महीने उस समय शुरू हुआ जब कुछ छात्रों ने इसका विरोध किया। यह टकराव पूरे राज्य में तेजी से फैल गया। विरोध प्रदर्शन किए गए और मुस्लिम लड़कियों को परेशान किया गया, जिससे राज्य को स्कूलों और कॉलेजों को अस्थायी रूप से बंद करने और अदालत से शांति की मांग करने के लिए मजबूर होना पड़ा।

इस्‍लाम में सिर्फ 5 चीजें अहमहिजाब इनमें शामिल नहीं

यह बताते हुए कि कुरान में पहला शब्द ‘पढ़ें’ है, उन्होंने कहा कि इंसान को केवल ईश्वर के नाम को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित नहीं किया जाता है। प्रासंगिक अंशों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि मनुष्य को जानवरों, सितारों और अंतरिक्ष के बारे में सोचने के लिए कहा गया है। अगर आवश्यक हो तो ज्ञान की तलाश में चीन जाने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा, ‘कुरान में 700 से अधिक शब्दों का अर्थ है ज्ञान, सोचना और ध्यान करना।’ उन्होंने कहा कि धर्म को जोड़ना ज्ञान की खोज के बारे में है।

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