समग्र समाचार सेवा
कानपुर, 4 फरवरी। इत्र कारोबारी पीयूष जैन के यहां मिली करोड़ों रुपये की नकदी के मामले में डीजीजीआई के साथ ही जल्द आयकर विभाग भी पीयूष से पूछताछ कर सकता है। हालांकि पीयूष के पास से बरामद 196.45 करोड़ नकद और 22 किलो सोना काले धन की श्रेणी में आएगा। ऐसे में उस पर 107 फीसदी टैक्स व जुर्माना लगेगा। सोने की कीमत भी 12 करोड़ के करीब है। ऐसे में करीब 208 करोड़ तो सरकारी खजाने में चले जाएंगे। 14-16 करोड़ रुपये उसे अलग से देने होंगे।
22 दिसंबर को लगा था छापा
डीजीजीआई अहमदाबाद ने 22 दिसंबर को शिखर पान मसाला, गणपति रोड कैरियर्स और पीयूष जैन के यहां एक साथ छापा मारा था। इसमें पीयूष के आनंदपुरी स्थित आवास से 177.45 करोड़ और कन्नौज स्थित आवास से 19 करोड़ समेत 196.45 करोड़ नगद मिला था। इसके अलावा 22 किलो सोने की सिल्ली मिली थी। इसमें 12 किलो विदेशी सोना था। इसकी जांच अलग से डीआरआई कर रही है। डीजीजीआई इस मामले में अभी भी जांच कर रही है।
जेल में बंद हैं पीयूष जैन
वहीं जेल में बंद पीयूष काली कमाई बचाने के लिए कई जुगत भिड़ा रहा है। डीजीजीआई की जांच व पूछताछ में उसने स्वीकारा था कि उसके पास से बरामद रकम जीएसटी चोरी की है। इसलिए टैक्स और जुर्माना सहित 52 करोड़ रुपये काट कर शेष राशि लौटा दी जाए। वहीं आयकर विभाग के सूत्रों को कहना है औपचारिक जांच अभी शुरू नहीं की गई है लेकिन केस फाइल साझा होने के बाद सबसे पहले पीयूष की पूरी रकम सरकारी खजाने में चली जाएगी।
कोरोड़ों रुपए नकदी के रूप में मिले
सूत्रों के मुताबिक जांच के दौरान पीयूष जैन, उसकी पत्नी, और पिता के पांच साल तक के आयकर रिटर्न की जानकारी जुटाई गई थी। इसमें 15-18 लाख की कमाई दिखाई गई थी। जबकि उसके घर से करोड़ों रुपये नकद मिले हैं। जानकारों का कहना है कि कालेधन पर टैक्स और पेनल्टी की कई श्रेणियां हैं। यदि कैश के साथ दस्तावेज और बयान हैं तो 67 फीसदी टैक्स लगता है। जबकि कैश और दस्तावेज हैं, लेकिन बयान नहीं है तो 87 फीसदी टैक्स संबंधित पर लगता है।