बजट 2022: अब सीधे किसानों के खाते में जाएगी एमएसपी, 163 लाख किसानों से 1208 मीट्रिक टन धान-गेहूं खरीदेगी सरकार
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 1 फरवरी। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में किसानों के लिए बड़ी घोषणा की है। सरकार ने किसान आंदोलन के केंद्र में रही एमएसपी को अब सीधे किसानों के खाते में भेजने का ऐलान किया है। इस सत्र में 163 लाख किसानों से 1208 मीट्रिक टन गेहूं और धान खरीदा जाएगा। बजट भाषण में सीतारमण ने कहा कि एमएसपी के जरिए किसानों के खाते में 2.37 लाख करोड़ रुपए भेजे जाएंगे। साथ ही वित्त मंत्री ने कहा कि कीटनाशक मुक्त खेती को बढ़ाने के लिए प्रयास किया जा रहा है।
कृषि से जुड़ी बड़ी घोषणाएं
– किसानों को डिजिटल और हाईटेक बनाने के लिए PPP मोड में नई योजनाएं शुरू की जाएंगी। जो किसान पब्लिक सेक्टर रिसर्च से जुड़े हैं उन्हें फायदा होगा।
– किसानों को डिजिटल और हाईटेक सेवाएं प्रदान करने के लिए पीपीपी मॉडल में योजना की शुरुआत होगी।
– जीरो बजट खेती और ऑर्गेनिक खेती, आधुनिक कृषि, मूल्य संवर्धन और प्रबंधन पर जोर दिया जाएगा।
– बजट भाषण के दौरान सीतारमण ने केन-बेतवा नदी जोड़ने की परियोजना की घोषणा की है। यह परियोजना 44,000 करोड़ रुपए की लागत से शुरू की जाएगी। इससे 900,000 किसानों को लाभ होगा।
– फसल मूल्यांकन, भूमि रिकॉर्ड, कीटनाशकों के छिड़काव के लिए किसान ड्रोन के उपयोग से कृषि और कृषि क्षेत्र में प्रौद्योगिकी की लहर चलने की उम्मीद है।
– नाबार्ड के माध्यम से किसानों के लिए फंड की सुविधा।
– स्टार्टअप एफपीओ को सपोर्ट करके किसानों को हाईटेक बनाया जाएगा।
– साल 2023 को मोटा अनाज वर्ष घोषित किया गया है।
– किसानों को डिजिटल सेवा दी जाएंगी।
– कृषि में ड्रोन को बढ़ावा दिया जाएगा। साथ ही 100 गति शक्ति कार्गो टर्मिनल बनाए जाएंगे।
– गंगा के किनारे 5 किमी चौड़े गलियारों में किसानों की जमीन पर फोकस के साथ पूरे देश में रसायन मुक्त प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा
किसानों को किन फसलों पर मिलती है एमसएसपी?
सरकार अनाज, दलहन, तिलहन और बाकी फसलों पर MSP देती है। अनाज वाली फसलें- धान, गेहूं, बाजरा, मक्का, ज्वार, रागी, जौ। दलहन फसलें- चना, अरहर, मूंग, उड़द, मसूर। तिलहन फसलें- सोयाबीन, सरसों, सूरजमुखी, तिल, नाइजर या काला तिल, कुसुम। बाकी फसलें- गन्ना, कपास, जूट, नारियल।
इस बजट की 76 फीसदी रकम सिर्फ तीन स्कीम में ही खर्च हो जाती है, समझिए कैसे?
– प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधिः 65,000 करोड़ (49 फीसदी)
– किसानों के लोन पर ब्याज सब्सिडीः 19,468 करोड़ (15 फीसदी)
– प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनाः 16,000 करोड़ (12 फीसदी)