बजट 2022: मध्यम वर्ग के हाथ फिर लगी निराशा, टैक्स में नहीं मिली कोई छूट

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 1 फरवरी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज मोदी सरकार का दसवां और अपना चौथा बजट पेश  किया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने डायरेक्ट टैक्स के मामले में बड़े सुधार का ऐलान किया है। अब भारत में अपडेटेड टैक्स फॉर्म जारी किया गया है। लोग अब दो साल तक अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर सकते हैं। इनकम टैक्स रिटर्न में अगर गलती से कुछ छूट जाता है तो उसमें सुधार किया जा सकता है। को-ऑपरेटिव सोसाइटी को अब 14 फीसदी का एमएटी  चुकाना पड़ेगा। एक करोड़ से 10 करोड़ की आमदनी वाली सोसाइटी को सिर्फ 7 फीसदी सरचार्ज चुकाना पड़ेगा। दिव्यांग व्यक्ति के पैरेंट को 60 साल की उम्र तक एन्युटी मिल सकेगी। एनपीएस टियर-1 में अब तक नियोक्ता की तरफ से किये गए योगदान के सिर्फ 10 फीसदी रकम तक इनकम टैक्स में छूट मिलती है, केंद्र और राज्य सरकार के स्टाफ को अब 14 फीसदी तक निवेश पर टैक्स छूट मिलेगी।

देश में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने मार्च 2023 तक टैक्स में छूट देने का ऐलान किया है। आमदनी की घोषणा नहीं करने पर सर्च में पाई गई रकम पर पूरा टैक्स चुकाना पड़ेगा। बिजनेस प्रमोशन के लिए एजेंट को हर साल 20,000 रुपये से अधिक के गिफ्ट पर टैक्स देना पड़ेगा।

साल 2014 में मोदी सरकार ने इनकम टैक्स स्लैब को 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये कर दिया था। इसी साल 60 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए इनकम टैक्स स्लैब को 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दिया गया था।

आयकर स्लैब में कोई बदलाव नहीं

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया है।

पांच लाख तक की सालाना आमदनी टैक्स फ्री

बजट में बदले गए टैक्स स्लैब के मुताबिक, 2.5 लाख रुपये तक की इनकम पर कोई टैक्स नहीं है। 2.5 लाख से 3 लाख रुपये तक की इनकम पर 5 फीसदी की दर से टैक्स लगता है। साथ ही इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 87 ए  के तहत 12,500 रुपये की कर छूट मिलती है। 3 लाख से 5 लाख रुपये तक की आय पर भी 5 फीसदी की दर से टैक्स लगता है। धारा 87ए के तहत 12,500 रुपये की कर छूट मिलती है। इस तरह इस टैक्स स्लैब में 5 लाख रुपये तक की आय तक 87 ए के तहत कर छूट मिलने से कोई टैक्स देनदारी नहीं बनती।

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