समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 1 फरवरी। देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में बजट 2022 में सरकारी इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने की कुछ नई घोषणाएं की हैं। सरकारी इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र को भारतीय अर्थव्यवस्था का प्रमुख क्षेत्र माना जाता है। वित्त मंत्री ने आर्थिक सर्वेक्षण में कहा था कि इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में निवेश को पर्याप्त रूप से बढ़ाना चुनौती है। उन्होंने कहा कि एक्सप्रेसवे के लिए पीएम गति शक्ति मास्टर प्लान 2022-23 अब अस्तित्व में आएगा और इससे त्वरित परिवहन में मदद मिलेगी।
बुनियादी ढांचे के निर्माण को पहली प्राथमिकता
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने व्यापार करने की लागत में सुधार लाने के लिए बुनियादी ढांचे के निर्माण को पहली प्राथमिकता दी है। वित्त मंत्री ने कहा कि मास्टर प्लान की कसौटी विश्व स्तरीय, आधुनिक बुनियादी ढांचा और लोगों और वस्तुओं दोनों की आवाजाही के विभिन्न तरीकों और परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। गति शक्ति से इन्फ्रास्ट्रक्चर में बड़े निजी निवेश को रफ्तार मिलेगी।
कई तरह की नीतियों की शुरुआत
मोदी सरकार ने शुरू से ही इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र का विकास करने के लिए कई तरह की नीतियों की शुरुआत की है। इस बजट में इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर सरकार का जोर रहने के कई अनुमान लगाए जा रहे थे। वित्त मंत्री ने कहा कि पीएम गति शक्ति 7 इंजनों से संचालित हो रही है। इसमें सड़क, रेलवे, हवाई अड्डे, बंदरगाह, जन परिवहन, जलमार्ग और लाजिस्टिक्स इन्फ्रा शामिल है। इसके चलते देश में सड़क, पुल, ऊर्जा, रेल नेटवर्क और स्पेक्ट्रम को मजबूत करने पर जोर दिया जा रहा है।
2021 में इंफ्रास्ट्रक्चर को क्या मिला
वित्तीय वर्ष 2008-2017 के दौरान भारत ने बुनियादी ढांचे पर 1.1 ट्रिलियन डॉलर का निवेश किया गया, लेकिन अब इसे 2024-25 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी हासिल करने के लिए 1.4 ट्रिलियन डॉलर खर्च करने होंगे। पिछले साल बजट 2021 में सरकार ने देश के रूरल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने पर भी काफी जोर दिया था और इसके लिए 40 हजार करोड़ रुपये के बजट की घोषणा की थी। इससे पहले साल 2020 में रूरल इंफ्रास्ट्रक्चर का बजट 30 हजार करोड़ था।