समग्र समाचार सेवा
चेन्नई, 29 जनवरी। मद्रास हाई कोर्ट ने कहा है कि भगवान हर जगह मौजूद है। लिहाजा ईश्वर को अपनी दिव्य उपस्थिति के लिए किसी खास स्थान की आवश्यकता नहीं है। हाई कोर्ट ने ये बातें एक केस की सुनवाई के दौरान कही। इस मामले में कोर्ट से एक सार्वजनिक जमीन पर मौजूद मंदिर को हटाने पर रोक लगाने की मांग की गई थी। साथ ही मद्रास उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि धर्म के नाम पर लोगों को बांटने के लिए सभी समस्याओं का मूल कारण कट्टरपंथी है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति एस वैद्यनाथन और न्यायमूर्ति डी भरत चक्रवर्ती की बेंच कर रही थी। जजों ने ये भी कहा कि कोर्ट में याचिका दायर करने वाले हाईवे की प्रॉपर्टी को मंदिर के नाम पर कब्जा नहीं कर सकते। साथ ही कोर्ट ने कहा कि इस सार्वजनिक जमीन का इस्तेमाल किसी भी जाति और धर्म के लोग कर सकते हैं।
जजों ने आगे कहा कि अगर याचिकाकर्ता भक्तों को विनयनगर की किसी भी हालत में पूजा करने की सुविधा देना चाहता है तो वो इसके लिए आजाद है। लेकिन इसके लिए वो अपनी जमीन दे। वहां मंदिर बनवाएं और भगवान को मूर्ति को उसी जगह जा कर रख दें।