बिहार में छात्रों का विरोध प्रदर्शन हुआ और उग्र

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समग्र समाचार सेवा
पटना, 27 जनवरी। रेलवे भर्ती परीक्षा आरआरबी एनटीपीसी सीबीटी-1 के परिणाम लेकर युवाओं का विरोध अब  हिंसक प्रदर्शन में बदल गया है। बिहार के कई जिलों में रेलवे भर्ती बोर्ड के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए छात्र लगातार पटरियों पर उतर रहे हैं। बिहार में पिछले तीन दिनों ले लगातार अलग-अलग स्थानों पर ट्रेन की बॉगियों में आग लगाने से लेकर ट्रेन को रोके जाने की खबरें सामने आई हैं। इतना ही नहीं पुलिस और छात्रों के बीच कुछ जगह पथराव की भी खबरें सामने आई हैं। प्रशासन की हिदायत और रेल मंत्री के भरोसा देने के बावजूद छात्र मानने के लिए तैयार नहीं हैं। वहीं इस बीच जानकारी सामने आई है कि पटना के खान सर समेत कई संस्थानों के खिलाफ पटना में एफआईआर दर्ज की गई है।

लगातार तीन दिनों से जारी है हिंसा

पटना स्थित पत्रकार नगर थाने में सोमवार और मंगलवार को हुई हिंसा के बाद हिरासत में लिए गए छात्रों ने कुछ ऐसे बयान दिए कि पुलिस को खान सर समेत कई संस्थानों के खिलाफ एफआईआर करने की जरूरत पड़ी। आंदोलनकारी छात्रों ने कहा कि सोशल मीडिया पर एक वायरल वीडियो देखने के बाद वे हिंसा और दंगा करने की शह मिली थी। इस वीडियो में आरआरबी एनटीपीसी परीक्षा रद्द नहीं होने पर छात्रों को सड़क पर उतरकर आंदोलन के लिए उकसाते हुए देखा गया। हालांकि रेलवी की प्रेस वार्ता के बाद खान सर ने एक वीडियो जारी कर कहा था कि आरआरबी ने जो भी फैसला लिया है, अगर वो 18 तारीख  को ही ले लिया जाता, तो नौबत नहीं आती। लेकिन अब बोर्ड ने एक अच्छा कदम उठाया है कि छात्रों से 16 फरवरी तक सुझाव मांगा है।

28 जनवरी को बिहार बंद का आह्वान

आरआरबी एनटीपीसी की परीक्षा के परिणाम में धांधली के आरोप में छात्र संगठन आइसा व इनौस ने 28 जनवरी को बिहार बंद का आह्वान किया है। आइसा-इनौस नेताओं की मांग है कि रेल मंत्रालय सात लाख संशोधित रिजल्ट फिर से प्रकाशित करे। प्रदर्शनकारी बेरोजगार युवाओं का आरोप है कि आरआरबी एनटीपीसी भर्ती अधिसूचना के मुताबिक सीबीटी-1 स्क्रीनिंग परीक्षा है। इसके अंक मुख्य परीक्षा में नहीं जोड़े जाएंगे। जबकि इसे क्लीयर करने वाले को ही सीबीटी-2 परीक्षा में भाग लेने का मौका मिलेगा। चूंकि, पेपर स्नातक और इंटर पास के लिए एक समान स्नातक स्तर का आयोजित किया गया था। इसलिए, परिणाम में 2019 तक स्नातक कर चुके उम्मीदवारों का दबदबा ज्यादा रहा।

रेल मंत्रालय ने बनाई जांच कमेटी

जगह-जगह हुए हिंसक प्रदर्शनों के बीच, रेल मंत्रालय ने आगे की परीक्षाओं को टाल दिया है। इसके साथ ही एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है, जो रेल मंत्रालय को रिपोर्ट करेंगी। समिति सभी उम्मीदवारों और हितधारकों से सुझाव लेगी और अपने सुझाव रिपोर्ट में देगी।

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