समग्र समाचार सेवा
लखनऊ, 22 जनवरी। समाजवादी पार्टी ने शनिवार को अखिलेश यादव के विधानसभा चुनाव लड़ने का आधिकारिक ऐलान कर दिया। सपा महासचिव राम गोपाल यादव ने अखिलेश के मैनपुरी जिले की करहल सीट से लड़ने की घोषणा की। अखिलेश इस समय आजमगढ़ से सांसद हैं। इससे पहले उनके अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र की ही किसी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की अटकलें लगाई जा रही थीं।
करहल विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी का सात बार कब्जा रहा है। 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की लहर के बावजूद सपा उम्मीदवार सोबरन यादव को एक लाख से ज्यादा वोट मिले थे और उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी प्रेम शाक्य को 38 हजार से ज्यादा मतों से हराया था। करीब 20 साल पहले 2002 में आखिरी बार भाजपा इस सीट से जीती थी। उस वक्त सोबरन यादव भाजपा के उम्मीदवार थे।
मुलायम सिंह का है गहरा नाता
अखिलेश के पिता सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव फिलहाल मैनपुरी से सांसद हैं। वह पांचवीं बार यहां से सांसद चुने गए हैं। मैनपुरी सीट से पिछली नौ बार से सपा का ही सांसद चुना जाता रहा है। मुलायम का करहल से गहरा नाता है। उन्होंने यहीं के जैन इंटर कॉलेज से शिक्षा ग्रहण की थी और वह यहां शिक्षक भी रहे।
बीजेपी ने कहा- दूर होगी गलतफहमी
करहल सीट पर यादव मतदाताओं का दबदबा है। यहां इस बिरादरी की आबादी 28 प्रतिशत है। इसके अलावा इस क्षेत्र में अनुसूचित जाति की हिस्सेदारी 16 प्रतिशत, ठाकुर की 13 प्रतिशत, ब्राह्मण की 12 प्रतिशत और मुस्लिम मतदाता 5 प्रतिशत हैं। बीजेपी ने अखिलेश की करहल सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा पर कहा कि सपा अध्यक्ष अगर करहल को अपने लिए सुरक्षित सीट मानते हैं तो आगामी विधानसभा चुनाव में उनकी यह गलतफहमी दूर हो जाएगी।
अखिलेश यादव ने की बड़ी घोषणा
इसी के साथ पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने विधानसभा चुनाव से पहले बड़ी घोषणा की है। उन्होंने शनिवार को कहा कि चुनाव के मद्देनज़र जनता के लिए कुछ फैसले लिए गए हैं। जिसमें 300 यूनिट मुफ़्त बिजली, किसान के खेतों की सिचांई के लिए मुफ़्त बिजली दी है। हमारी पार्टी 22 लाख नौजवानों को रोजगार भी देगी। इससे पहले जब समाजवादी पार्टी ने बच्चों को लैपटॉप दिए थे।