विहिप ने ओडिशा सरकार द्वारा मिशनरीज ऑफ चैरिटी के लिए 78 लाख रुपये की मंजूरी पर जताई आपत्ति

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!

समग्र समाचार सेवा
भुवनेश्वर, 10 जनवरी। विश्व हिंदू परिषद ने ओडिशा में मिशनरीज ऑफ चैरिटी द्वारा संचालित 13 संस्थानों को समर्थन देने के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष (सीएमआरएफ) से 78.76 लाख रुपये की मंजूरी पर आपत्ति जताई है।

विहिप महासचिव मिलिंद परांडे ने आपत्ति जताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को किसी ऐसे संगठन को ‘हिंदू करदाताओं’ का पैसा देने का कोई अधिकार नहीं है जो ‘धर्मांतरण’ करते हैं।

परांडे ने कहा, “विहिप ने मिशनरीज ऑफ चैरिटी के लिए ओडिशा सरकार द्वारा 78 लाख रुपये मंजूर किए जाने का कड़ा विरोध किया है। यह करदाताओं का पैसा है।”

उन्होंने कहा, “मिशनरीज ऑफ चैरिटी धर्मांतरण में शामिल हैं। किसी भी सीएम को हिंदुओं का पैसा किसी ऐसे संगठन को देने का अधिकार नहीं है जो उन्हें धर्मान्तरित करता है।”

बता दें कि 4 जनवरी को, ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक ने राज्य में मिशनरीज ऑफ चैरिटी द्वारा संचालित 13 संस्थानों का समर्थन करने के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष (CMRF) से 78.76 लाख रुपये मंजूर किए हैं।

मुख्यमंत्री ने 30 दिसंबर, 2021 को जिला कलेक्टरों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि मिशनरीज ऑफ चैरिटी का कोई भी कैदी खाद्य सुरक्षा और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों से पीड़ित न हो।

सीएमओ के अनुसार, राज्य के आठ जिलों में 13 मिशनरीज ऑफ चैरिटी संस्थानों के लिए इस स्वीकृत राशि से राज्य के विभिन्न कुष्ठ और अनाथालयों में 900 से अधिक कैदियों को लाभ होगा। मदर टेरेसा ने 1950 में मिशनरीज ऑफ चैरिटी की स्थापना की थी।

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.