Omicron के बीच येलो अलर्ट का ऐलान, सरकार ने लगाई नई पाबंदियां- बाजार भी होंगे बंद

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 28 दिसम्बर।  दिल्ली में कोरोना वायरस के संक्रमण की दर बढ़ने के साथ ही एक बार फिर पाबंदियों के दिन लौटने लगे हैं। सीएम अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को कोरोना संकट को लेकर बैठक की और येलो अलर्ट लागू करने का ऐलान किया है। ग्रेडेड रेस्पॉन्स ऐक्शन प्लान के तहत दिल्ली में लेवल-1 का अलर्ट यानि येलो अलर्ट जारी किया गया है।

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस बारे में जल्दी ही विस्तृत आदेश जारी किया जाएगा। इसमें कई तरह के प्रतिबंधों का ऐलान किया जा सकता है। दिल्ली में कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए तय नियमों के मुताबिक येलो, अंबर, ऑरेंज और रेड अलर्ट का प्रावधान है। इसके साथ ही सीएम ने कहा कि अगर बाजारों में भीड़ ज्यादा दिखती है तो बाजार बंद भी किए जा सकते हैं।

Delhi Omicron Alert: दिल्ली में कोरोना के बढ़ते खतरे के बीच येलो अलर्ट जारी, केजरीवाल सरकार ने लगाईं कई नई पाबंदियां

दिल्ली में पहले से ही नाइट कर्फ्यू लाग कर दिया गया है। यह नाइट कर्फ्यू रात 11 बजे से सुबह 5 बजे तक के लिए लागू किया गया है। इसके अलावा येलो अलर्ट के तहत स्कूल, कॉलेजों, कोचिंग संस्थानों और शैक्षणिक संस्थानों को बंद किया जा सकता है। इसके अलावा गैर-जरूरी सामान बेचने वाली दुकानों और मॉल्स आदि को भी सुबह 10 बजे से रात 8 बजे तक के लिए ऑड-ईवन के आधार पर खोलने का फैसला लिया जा सकता है। यही नहीं प्राइवेट दफ्तरों की टाइमिंग भी 9 से 5 बजे तक की जा सकती है और कुल क्षमता 50 फीसदी करने का फैसला लिया जा सकता है।

येलो अलर्ट के तहत रेस्तरां में भी कुल क्षमता के 50 फीसदी के बराबर लोगों को ही बैठने की परमिशन मिल सकती है। इसके अलाव इन्हें खोले जाने का टाइम भी सुबह 8 बजे से रात 10 बजे तक तय हो सकता है। बार में भी 50 फीसदी क्षमता का नियम लागू हो सकता है। येलो अलर्ट के तहत सिनेमा हॉल, मल्टीप्लेक्स, बैंक्वट हॉल और ऑडिटोरियम आदि को बंद किया जा सकता है। होटलों को खुला रखने की अनुमति मिल सकती है, लेकिन इनके अंदर बने बैंक्वट और कॉन्फ्रेंस हॉल नहीं चलाए जा सकेंगे। हालांकि अभी यह अनुमान ही है। इस बारे में जल्दी ही दिल्ली सरकार की ओर से विस्तृत गाइडलाइंस जारी की जाएंगी।

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येलो अलर्ट के तहत स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, स्टेडियम और स्विमिंग पूल आदि को भी बंद करने का फैसला हो सकता है। शादी और अंतिम संस्कार में शामिल होने वाले लोगों की संख्या 20 तक ही सीमित की जा सकती है। धार्मिक स्थल खुले रह सकते हैं, लेकिन श्रद्धालुओं की संख्या सीमित की जा सकती है। इसके अलावा सामाजिक और राजनीतिक कार्यक्रमों के आयोजनों पर भी रोक लग सकती है।

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