सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का दावा, सपा सरकार ने की थी काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की नींव

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समग्र समाचार सेवा
लखनऊ, 13दिसंबर। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन काशी विश्वनाथ कॉरिडोर काशी विश्वनाथ कॉरिडोर करने से एक दिन पहले ही रविवार को इसकी शुरुआत अपने मुख्यमंत्रित्व काल में होने होने का दावा कर दिया है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने दावा करते हुए कहा, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की शुरुआत समाजवादी पार्टी ने की थी। हम दस्तावेज भी देंगे, क्योंकि इस बार हम सबूत के साथ बात करेंगे. यह सब इसलिए हो रहा है ताकि सरकार किसानों को दुगनी आमदनी देने से बच जाए. यह ध्यान भटकाने वाला है. साथ ही पूर्व सीएम ने यह भी आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ भाजपा बुनियादी सवालों से ध्यान हटाने के लिए जनता को दूसरे मुद्दों में उलझा रही है. बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी सोमवार को महत्वाकांक्षी काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण करेंगे।
अखिलेश ने लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा “भाजपा ने किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था जिसे वह पूरा नहीं कर सकी. महंगाई बेकाबू है. जनता यह सवाल न कर दे इसलिए काशी विश्वनाथ कारीडोर. ध्यान हटाने के लिए यह सब मुद्दे उठाया जा रहे हैं.” यूपी के पूर्व सीएम यादव ने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की शुरुआत अपने शासनकाल में होने का दावा करते हुए कहा “काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का प्रस्ताव भी अगर किसी ने कैबिनेट में पास किया था, शुरुआत अगर किसी ने की थी तो वह समाजवादी पार्टी की सरकार ही थी। ”
सपा अध्यक्ष ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर अपने पिछले साढे चार साल के कार्यकाल के दौरान भेदभाव से काम करने का आरोप लगाया और कहा कि अंग्रेज ‘फूट डालो और राज करो’ के मंत्र पर काम करते थे. उसी तरह भाजपा डरा कर और लोगों को मारकर राज करना चाहती है. आगामी विधानसभा चुनाव में जनता भाजपा को सबक सिखाएगी।
अखिलेश ने कहा, आज उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी का सवाल है. इसके अलावा पेपर लीक छात्रों पर लाठीचार्ज भर्तियों पर स्थगन आदेश के सवाल भी मौजूद हैं. शिक्षामित्र भटक रहे हैं. युवा दुखी हैं. उन्होंने कहा कि लखीमपुर खीरी में किसानों पर गाड़ी चढ़ाए जाने की घटना कौन भूल जाएगा. कोविड-19 महामारी के दौरान अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी, नदियों में तैरती लाशें, बीमार अस्पताल और उनमें व्याप्त अव्यवस्थाओं को भी कोई कैसे भूल सकता है. नोटबदी के समय लोगों को लाइन में लगाने वाली सरकार को अब आगामी विधानसभा चुनाव में मतदाता वोट डालने के लिए कतार में खड़े होकर सत्ता से बाहर करेंगे।”

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