दिल्ली-एनसीआर में ‘बहुत खराब’ वायु गुणवत्ता के बीच अनुपालन की निगरानी के लिए केंद्र ने 5 सदस्यीय प्रवर्तन कार्य बल का गठन किया

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 3 दिसंबर। प्रदूषण के बढ़ते स्तर पर सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद दिल्ली-एनसीआर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया है। हलफनामे में कहा गया है कि उसके निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के लिए 5 सदस्यीय प्रवर्तन कार्य बल का गठन किया गया है। इसके अलावा 17 फ्लाइंग स्क्वायड भी बनाए गए हैं।

इस मामले में शुक्रवार को सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट के सवाल के जवाब में कहा कि फ्लाइंग स्क्वायड की संख्या 17 से बढ़ाकर 40 की जाएगी और ये दिल्ली ही नहीं पूरे एनसीआर को कवर करेंगे.

कोर्ट ने यह भी पूछा कि अगर आप थर्मल प्लॉट को बंद कर देते हैं तो क्या ऐसी स्थिति में बिजली आपूर्ति का कोई वैकल्पिक स्रोत होगा ताकि यह आपूर्ति बाधित न हो?

दिल्ली सरकार की ओर से कहा गया है कि 17 महीने स्कूल बंद रहे, नवंबर में कुछ दिन ही खुले. कोर्ट ने दिल्ली में स्कूल बंद को लेकर मीडिया के एक वर्ग की रिपोर्टिंग पर नाराजगी जताई। कोर्ट ने कहा कि जाने-अनजाने मीडिया का एक हिस्सा ऐसे प्रोजेक्ट कर रहा है कि हम विलेन हैं जो स्कूल बंद करना चाहते हैं, जबकि स्कूल बंद करने और वर्क फ्रॉम होम की बात दिल्ली सरकार ने ही सुझाई थी.

दिल्ली सरकार के वकील सिंघवी ने कहा कि मीडिया के एक हिस्से ने यह भी बताया कि अदालत, जो सरकार के काम से नाखुश थी, प्रशासनिक जिम्मेदारी भी लेना चाहती थी। इस पर कोर्ट ने कहा कि हमने ऐसा नहीं कहा! लेकिन क्या किया जाये। अभिव्यक्ति की आजादी है। राजनीतिक दल होने के नाते आप प्रेस कांफ्रेंस कर इसका खंडन कर सकते हैं, लेकिन कोर्ट इसमें कुछ नहीं कर सकता।

सिंघवी ने कहा कि कोर्ट की रिपोर्टिंग इस तरह बेलगाम नहीं हो सकती। यह राजनीतिक रिपोर्टिंग से अलग है। यह तथ्यात्मक होना चाहिए। अन्य अखबारों से अलग इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट गलत है। कोर्ट ने फिलहाल इन बातों पर ध्यान न देने को कहा है।

टास्क फोर्स के गठन पर सुप्रीम कोर्ट ने संतोष जताया। SC ने केंद्र और दिल्ली सरकार को हलफनामे में लिखी बातों को लागू करने का निर्देश दिया. इसने यूपी के वकील से बॉयलर चलाने की इजाजत मांगी, आयोग के पास जाने को कहा. कोर्ट ने दिल्ली में अस्पतालों के निर्माण की राज्य सरकार की मांग को स्वीकार कर लिया. मामले की सुनवाई अगले शुक्रवार को होगी।

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