समग्र समाचार सेवा
कोलकाता, 30 नवंबर। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने चुनाव के बाद हुई हिंसा में कथित संलिप्तता के लिए नंदीग्राम में तृणमूल कांग्रेस के नेता अबू सुफियान की अग्रिम जमानत याचिका सोमवार को खारिज कर दी।
सूफियान, जो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के चुनाव एजेंट भी थे, जो इस साल की शुरुआत में हुए विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम से सुवेंदु अधिकारी से हार गए थे, उन पर भाजपा समर्थक देवव्रत मैती की हत्या का आरोप है।
जमानत याचिका पर देबांग्शु बसाक और बिभाष रंजन डे की खंडपीठ ने सुनवाई की। कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देश पर मामले की जांच कर रही सीबीआई ने जमानत याचिका पर आपत्ति जताते हुए कहा कि चुनाव के बाद हुई हिंसा और हत्या में सूफियन की संलिप्तता साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं। कोर्ट ने सीबीआई की याचिका को स्वीकार करते हुए जमानत अर्जी खारिज कर दी। सीबीआई अब उन्हें गिरफ्तार करने के लिए स्वतंत्र है।
इससे पहले सीबीआई ने मैती की हत्या के सिलसिले में शेख सूफियान के दामाद समेत तृणमूल के 11 नेताओं को गिरफ्तार किया था।
जांच एजेंसी ने पहले सुफियान से पूछताछ की थी, लेकिन हल्दिया अनुमंडल अदालत में सीबीआई द्वारा पेश आरोपपत्र में उसका नाम नहीं था.