समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 14नवंबर। हिंदू धर्म में हर पूर्णिमा का काफी महत्व होता है। लेकिन कार्तिक मास में आने वाली पूर्णिमा का खास महत्व होता है। इस बार कार्तिक पूर्णिमा 19 नवंबर 2021 के दिन शुक्रवार को पड़ रही है। पूर्णिमा तिथि भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को प्रिय होती है. इस दिन को त्रिपुरारी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है साथ ही इस दिन काशी में देव दिवाली मनाने की भी परंपरा है।
मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन कुछ कार्यों को जरूर करना चाहिए। आइए जानते हैं उन कार्यों के बारे में-
स्नान और दान- कार्तिक पूर्णिमा पर देवता पृथ्वी पर आकर गंगा में स्नान करते हैं इसलिए इस दिन गंगा स्नान अवश्य करना चाहिए या फिर पानी में गंगाजल डालकर स्नान करना चाहिए। इसी के साथ पूर्णिमा पर क्षमतानुसार अन्न वस्त्र का दान करना चाहिए. पूर्णिमा तिथि पर चावलों का दान करना बहुत ही शुभ माना जाता है।
तुलसी पूजन- पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की बूजा का जाती है और भगवान विष्णु को तुलसी अतिप्रिय है। इसलिए पूर्णिमा के दिन तुलसी पूजन करना शुभ माना जाता है. ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि और सकारात्मकता का आगमन होता है।
दीपदान- कार्तिक पूर्णिमा पर दीपदान करना बेहद शुभ माना जाता है, क्योंकि इस दिन देव दीपावली भी होती है. कार्तिक पूर्णिमा के दिन किसी नदी या सरोवर के किनारे दीपदान अवश्य करना चाहिए. यदि नदी या सरोवर पर नहीं जा सकते तो देवस्थान पर जाकर दीपदान करना चाहिए।
लक्ष्मी नारायण की पूजा- पूर्णिमा तिथि पर व्रत रखकर भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी का पूजन करना चाहिए व चंद्रमा दर्शन करने के साथ ही अर्घ्य भी देना चाहिए. माना जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा पर व्रत करने से सूर्य लोक की प्राप्ति होती है।
कहते हैं कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन व्रत करने से अग्निष्टोम यज्ञ करने जितना फल मिलता है. इतना ही नहीं, कार्तिक पूर्णिमा से व्रत शुरू करके हर पूर्णिमा पर व्रत करने से सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और अपार धन की प्राप्ति होती है।
मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा पर चन्द्रोदय के समय 6 तपस्विनियों शिवा, सम्भूति, प्रीति, संतति अनसूया और क्षमा की पूजन करने से घर में खूब धन-धान्य आता है. धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक ये तपस्विनियां स्वामी कार्तिक की माता हैं।