समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 4 नवंबर। दीपावली की अगले दिन गोवर्धन पूजा की जाती है। लोग इसे अन्नकूट के नाम से भी जानते हैं. इस त्यौहार का भारतीय लोकजीवन में काफी महत्व है. इस पर्व में प्रकृति के साथ मानव का सीधा सम्बन्ध दिखाई देता है। इस पर्व की अपनी मान्यता और लोककथा है. गोवर्धन पूजा में गोधन यानी गायों की पूजा की जाती है. शास्त्रों में बताया गया है कि गाय उसी प्रकार पवित्र होती है जैसे नदियों में गंगा. गाय को देवी लक्ष्मी का स्वरूप भी कहा गया है. देवी लक्ष्मी जिस प्रकार सुख समृद्धि प्रदान करती हैं उसी प्रकार गौ माता भी अपने दूध से स्वास्थ्य रूपी धन प्रदान करती हैं।
गोवर्धन पूजा शुभ मुहूर्त
गोवर्धन पूजा शुक्रवार, नवम्बर 5, 2021 को
गोवर्धन पूजा प्रातःकाल मुहूर्त – 06:36 ए एम से 08:47 ए एम
गोवर्धन पूजा सायाह्नकाल मुहूर्त – 03:22 पी एम से 05:33 पी एम
प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ – नवम्बर 05, 2021 को 02:44 ए एम बजे
प्रतिपदा तिथि समाप्त – नवम्बर 05, 2021 को 11:14 पी एम बजे
गोवर्धन पूजा की कहानी
भगवान श्री कृष्ण ने बृजवासियों को इंद्र की पूजा करते हुए देखा तो उनके मन में इसके बारे में जानने की जिज्ञासा उत्पन्न हुई. श्री कृष्ण की मां भी इंद्र की पूजा कर रही थीं. कृष्ण ने इसका कारण पूछा तब बताया गया कि इंद्र बारिश करते हैं, तब खेतों में अन्न होता है और हमारी गायों को चारा मिलता है. इस पर श्री कृष्ण ने कहा कि हमारी गायें तो गोवर्धन पर्वत पर ही रहती हैं इसलिए गोवर्धन पर्वत की पूजा की जानी चाहिए. इस पर बृजवासियों ने गोवर्धन पर्वत की पूजा शुरू कर दी तब इंद्र को क्रोध आया और उन्होंने मूसलाधार बारिश शुरू कर दी. चारों तरफ पानी के कारण बृजवासियों की जान बचाने के लिए श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी कनिष्ठ उंगली पर उठा लिया. लोगों ने उसके नीचे शरण लेकर अपनी जान बचाई. इंद्र को जब पता चला कि कृष्ण ही विष्णु अवतार हैं, तब उन्होंने उनसे माफी मांगी. इसके बाद श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पूजा के लिए कहा और इसे अन्नकुट पर्व के रूप में मनाया जाने लगा.
गोर्वधन पूजा के नियम एवं विधि
1. इसके लिए आप गाय के गोबर से पहले चौक और पर्वत बनाएं और इसे अच्छे से फूलों से सजाए. अब गोवर्धन पर धूप, दीप, जल और फल आदि रखें और कथा पढ़ें.
2. जब पूजा हो जाए तो गोवर्धन की सात बार परिक्रमा करें, इस दौरान आपके हाथों में जल होना चाहिए आप उसे किसी लोटे में लें, ध्यान रहे कि परिक्रमा के वक्त जल थोड़ा-थोड़ा गिरता रहना चाहिए.
3. गोवर्धन पूजा में अन्नकूट का प्रसाद जरूर चढ़ाएं और पूजा के बाद घर के सभी सदस्यों को यह प्रसाद ग्रहण करने के लिए दें.
4. शाम को चांद के दर्शन ना करें, यदि आप इस तरह पूरे विधि-विधान के साथ गोर्वधन पूजा करते हैं तो आपको भगवान श्री कृष्ण के आशीर्वाद के साथ-साथ धन, संतान और गौ रस सुख भी प्राप्त होता है.