समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 21अक्टूबर। कार्तिक मास की शुरूआत हो चुकी है। इस महीने में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इस महीने में दान, व्रत, जप और तप का काफी महत्व होता है. इसी महीने में तुलसी का रोपण और विवाह सर्वोत्तम होता है। इस बार कार्तिक मास 21 अक्टूबर से 19 नवंबर तक रहेगा। इसी महीने भगवान विष्णु योग निद्रा से जागते हैं और सृष्टि में आनंद और कृपा की वर्षा होती है. मां लक्ष्मी भी इसी माह धरती पर भ्रमण करने उतरती हैं और भक्तों को अपार धन का आशीर्वाद देती हैं। इस पवित्र मास दौरान कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए. चलिए जानते हैं कार्तिक मास में क्या करना और क्या नहीं करना चाहिए।
इन कार्यों को करना माना जाता है शुभ
दान- कार्तिक मास में दान को काफी शुभ माना जाता है. इस दौरान चावल का दान करना शुभ होता है. इससे चंद्रदोष से मुक्ति मिलती है.
शिव पूजा- कार्तिक मास में शिवलिंग की पूजा करना काफी शुभ माना जाता है. इससे भगवान शिव की असीम कृपा मिलती है.
द्वार पूजा- कार्तिक मास का पूरा महीना पूजा-पाछ की दृष्टि से काफी शुभ होता है. इस महीने में घर के मुख्य दरवाजे पर आम के पत्तों को लगाना चाहिए.
तुलसी की पूजा- इस पूरे महीने में तुलसी को जल चढ़ाने व दीया जलाना शुभ माना जाता है. तुलसी श्रीहरि की अतिप्रिय है. ऐसे में तुलसी पूजा करने से भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की असीम कृपा मिलती है।
इन कार्यों को करना माना जाता है शुभ
कार्तिक मास में विवाहित लोगों को शारीरिक संबंध बनाने से बचना चाहिए. वरना आपको चंद्रमा के दुष्प्रभावों का सामना करना पड़ सकता है.
इस महीने में मांसाहार, शराब आदि तामसिक भोजन से परहेज रखना चाहिए.
इस दौरान बैंगन, दही, करेला और जीरा भी नहीं खाना चाहिए. मगर इस माह में मूली खाना फायदेमंद माना जाता है.