रंजीत सिंह मर्डर केस में 19 साल बाद मिला इंसाफ, गुरुमीत राम रहीम और चार अन्‍य को उम्रकैद

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 18अक्टूबर। पंचकूला में सीबीआई की एक विशेष अदालत ने रणजीत सिंह हत्याकांड मामले में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह और चार अन्य को आज सोमवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। राम रहीम पर 31 लाख रुपए और बाकी आरोपियों पर 50-50 हज़ार रुपए का ज़ुर्माना भी लगाया गया है।

कड़े सुरक्षा इंतजामों के के बीच सीबीआई की विशेष अदालत ने डेरा प्रबंधक रंजीत सिंह की हत्या के मामले में दोषी ठहराए गए गुरमीत राम रहीम और अन्य दोषी कृष्ण लाल, जसबीर सिंह, अवतार सिंह और सबदिल को उम्रकैद की सजा सुनाई ।
बता दें पंचकूला में सीबीआई की एक विशेष अदालत ने हत्या के एक मामले में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह और चार अन्य की सजा पर फैसला 18 अक्टूबर के लिए टाल दिया था।
बता दें, मामले में 12 अक्तूबर को ही सीबीआई कोर्ट को सजा सुनानी थी लेकिन दोषी डेरामुखी गुरमीत राम रहीम सिंह की ओर से हिंदी भाषा में आठ पेज की अर्जी लिखकर सजा में रहम की अपील की गई थी। उसने अर्जी में अपनी बीमारियों और सामाजिक कार्यों का हवाला दिया था।

जुलाई, 2002 में हुई थी रंजीत की हत्या
रंजीत सिंह की साल 2002 में 10 जुलाई को हत्या कर दी गई थी। इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने की और पूरा मामला सीबीआई की स्पेशल अदालत में ही चला। घटना के 19 साल बीत जाने के बाद इस महीने की शुरुआत में राम रहीम समेत पांच लोगों को दोषी ठहराया गया था। मामले की पूरी बहस 12 अगस्त को पूरी कर ली गई थी। सीबीआई ने तीन दिसंबर, 2003 को इस मामले में एफआईआर दर्ज की थी। राम रहीम को एक पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। वह रोहतक की सुनारिया जेल में सजा सुनाए जाने के बाद से ही बंद है।

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