गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढांचे के बिना विकास संभव नहीं- पीएम मोदी

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 13अक्टूबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को गतिशक्ति (नेशनल मास्टर प्लान फॉर मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी और आईटीपीओ में नए एग्जिबिशन कॉम्पलेक्स) का शुभारंभ किया. इस अवसर पर उन्होंने कहा, अगली पीढ़ी के बुनियादी ढांचे और मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी से 21वीं सदी में भारत को बढ़ावा मिलेगा।
इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा, पूर्व में देरी और विकास कार्यों में सुस्ती के कारण करदाताओं के पैसे का सही इस्तेमाल नहीं किया गया. विभाग अलग-अलग काम करते थे, परियोजनाओं को लेकर कोई समन्वय नहीं था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढांचे के बिना विकास संभव नहीं है. गतिशक्ति सड़क से लेकर रेलवे, उड्डयन से लेकर कृषि तक परियोजनाओं के समन्वित विकास के लिए विभिन्न विभागों को आपस में जोड़ता है।

इससे पहले प्रधानमंत्री ने दिल्ली के प्रगति मैदान पहुंचकर नए एग्जिबिशन कॉम्पलेक्स के मॉडल का निरीक्षण किया।

प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर अष्टमी के शुभ दिन यानीशक्ति की पूजा के दिन का उल्लेख किया और कहा कि इस शुभ अवसर पर देश की प्रगति की रफ्तार को भी नई शक्ति मिल रही है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के संकल्प के साथ आज अगले 25 वर्षों के लिए भारत की नींव रखी जा रही है। पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान भारत के विश्वास को आत्मनिर्भर भारत के संकल्प तक ले जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा, “यह मास्टरप्लान 21वीं सदी के भारत को गति (गतिशक्ति) देगा।”

प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि गतिशक्ति के इस महाअभियान के केंद्र में भारत के लोग, भारत का उद्योग, भारत का व्यापार जगत, भारत के विनिर्माता, भारत के किसान हैं।यह भारत की वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों को 21वीं सदी के भारत के निर्माण के लिए नई ऊर्जा देगा, उनके रास्ते के अवरोध समाप्त करेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इन तमाम वर्षों में’कार्य प्रगति पर है’ का बोर्ड विश्वास की कमी का प्रतीक बन गया था और प्रगति के लिए रफ्तार, उत्सुकता और सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि आज का 21वीं सदी का भारत पुरानी प्रणालियों और तौर-तरीकों को पीछे छोड़ रहा है।

“आज का मंत्र है –

प्रगति के लिए कार्य,

प्रगति के लिए संपत्ति,

प्रगति की योजना,

प्रगति कोप्राथमिकता।”

उन्‍होंने कहा कि हमने न सिर्फ परियोजनाओं को तय समयसीमा में पूरा करने का वर्क-कल्‍चर विकसित किया, बल्कि आज समय से पहले प्रोजेक्‍टस पूरे करने का प्रयास हो रहा है।

प्रधानमंत्री ने भारत में इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर के विकास की गति बढ़ाने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि भारत में पहली इंटरस्टेट नैचुरल गैस पाइपलाइन साल 1987 में कमीशन हुई थी।इसके बाद साल 2014 तक, यानि 27 साल में देश में 15,000 किलोमीटर नैचुरल गैस पाइपलाइन बनी।आज देशभर में 16,000 किलोमीटर से ज्यादा गैस पाइपलाइन पर काम चल रहा है।ये काम अगले 5-6 वर्षों में पूरा होने का लक्ष्य है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि2014 के पहले के 5 सालों में सिर्फ 1900 किलोमीटर रेल लाइनों का दोहरीकरण हुआ था।बीते 7 वर्षों में हमने 9 हजार किलोमीटर से ज्यादा रेल लाइनों की डबलिंग की है। प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 से पहले के 5 सालों में सिर्फ 3000 किलोमीटर रेलवे का बिजलीकरण हुआ था, जबकिबीते 7 सालों में हमने 24 हजार किलोमीटर से भी अधिक रेलवे ट्रैक का बिजलीकरण किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 से पहले मेट्रो रेल महज 250 किलोमीटर के ट्रैक पर चल रही थी। आज मेट्रो का विस्तार 700 किलोमीटर तक कर दिया गया है और 1000 किलोमीटर नए मेट्रो रूट पर काम चल रहा है। 2014 से पहले के पांच वर्षों में केवल 60 पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ा जा सका था। पिछले 7 वर्षों में, हमने 1.5 लाख से अधिक ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के किसानों और मछुआरों की आय बढ़ाने के लिए प्रोसेसिंग से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को भी तेजी से विस्तार दिया जा रहा है। 2014 में देश में सिर्फ 2 मेगा फूड पार्क्स थे। आज देश में 19 मेगा फूड पार्क्स काम कर रहे हैं।अब इनकी संख्या 40 से अधिक तक पहुंचाने का लक्ष्य है। 2014 में सिर्फ 5 जलमार्ग थे, आज भारत में 13 कार्यशील जलमार्ग हैं। बंदरगाहों पर जहाजों का टर्नअराउंड समय 2014 के 41 घंटे से घटकर 27 घंटे हो गया है। उन्होंने कहा कि देश ने वन नेशन वन ग्रिड के संकल्‍प को साकार किया है। 2014 के 3 लाख सर्किट किलोमीटर बिजली पारेषण लाइनों की तुलना में आज भारत में 4.25 लाख सर्किट किलोमीटर लाइनें हैं।

प्रधानमंत्री ने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि क्‍वालिटी इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर के विकास से भारत विश्‍व का व्यापारिक केन्‍द्र बनने के सपने को साकार कर सकता है। उन्होंने कहा कि हमारे लक्ष्य असाधारण हैं और इसके लिए असाधारण प्रयासों की आवश्यकता होगी। इन लक्ष्यों को साकार करने में पीएम गतिशक्ति सबसे ज्यादा मददगार होगी। जिस तरह जेएएम (जन धन, आधार, मोबाइल) ट्रिनिटी ने लोगों तक सरकारी सुविधाओं की पहुंच में क्रांति ला दी, उसी तरह इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र के लिए पीएम गतिशक्ति भी ऐसा ही करेगी।

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