चाचा- भतीजे ने भरी चुनावी हुंकार, एक ने निकाली विजय रैली तो दूसर ने शुरू की सामाजिक परिवर्तन यात्रा

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समग्र समाचार सेवा
लखनऊ, 12अक्टूबर। भतीजा अखिलेश यादव आज कानपुर से विजय यात्रा शुरू की तो चाचा शिवपाल यादव वृंदावन से सामाजिक परिवर्तन यात्रा पर निकली। यात्रा पर निकलने से पहले शिवपाल ने बांके बिहारी मंदिर में पूजा पाठ किया। वहीं, अखिलेश यादव ने दिल्ली जाकर अपने पिता मुलायम सिंह यादव का पहले आशीर्वाद लिया। लेकिन जैसा मुलायम सिंह चाहते हैं वैसा नहीं हो पाया है. शिवपाल और अखिलेश के बाद समझौता हो जाए, मुलायम ने कई बार प्रयास किया पर अब तक बात नहीं बन पाई है. आज के दिन ही जब चाचा और भतीजा रथयात्रा पर निकले हैं तो सवाल उठ रहे हैं कि क्या अब चुनाव में भी दोनों आमने सामने होंगे।

शिवपाल यादव की रथयात्रा को भी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के चुनाव अभियान की शुरुआत बताया जा रहा है. लंबे समय से इस बात की चर्चा चल रही थी कि दोनों पार्टियों में चुनाव को लेकर गठबंधन हो जाएगा. लेकिन, अखिलेश और शिवपाल तो अब तक बातचीत के लिए भी राज़ी नहीं हुए हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में मुलायम परिवार में कलह के कारण समाजवादी पार्टी की ज़बरदस्त हार हुई थी. शिवपाल यादव ने अलग होकर नई पार्टी बना ली थी. उन्हें कोई ख़ास फ़ायदा तो नहीं हुआ. लेकिन शिवपाल और अखिलेश के अलग अलग लड़ने से दोनों को बहुत नुक़सान हुआ. शिवपाल की पार्टी के कारण लोकसभा चुनाव में रामगोपाल यादव के बेटे चुनाव हार गए।
सपा में वर्चस्व को लेकर छिड़ी पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और शिवपाल सिंह यादव के बीच की सियासी जंग का पटाक्षेप होता दिखाई नहीं दे रहा है। दोनों के बीच समझौते के अब तक हुए प्रयास विफल ही रहे हैं। प्रसपा प्रमुख शिवपाल सिंह यादव ने 28 सितंबर को अपने बेटे आदित्य यादव के सहकारी बैंक के सभापति के निर्वाचन के दौरान कहा था कि वह सपा से समझौते का 11 अक्टूबर तक इंतजार करेंगे। अगर जवाब आ जाता है तो कोई बात नहीं और अगर जवाब नहीं आता है, तो वह अपनी चुनावी तैयारी में जुट जायेंगे। सोमवार को शिवपाल की सपा को दी गई अंतिम तारीख निकल गई लेकिन सपा की ओर से समझौते को लेकर कोई जवाब नहीं आया। इसके बाद आज शिवपाल सिंह डॉ. राम मनोहर लोहिया की पुण्यतिथि पर चुनावी शंखनाद सामाजिक परिवर्तन रथयात्रा के साथ किया। रथयात्रा श्रीकृष्ण की जन्मस्थली मथुरा से शुरू होकर आगरा, फिरोजाबाद, इटावा, औरैया, जालौन होकर रायबरेली जायेगी और इसका समापन 27 नवंबर को होगा।

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