केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की सौगात, सफर के दौरान अब गाड़ियों के हॉर्न बदले सुनाई देगें तबला-हारमोनियम और बांसुरी की आवाजें

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 5अक्टूबर। अकसर लोगों को यात्रा के दौरान गाड़ियों के हॉर्न की आवाजें सुनाई देती है जो काफी इरिटेटिंग होती है। साथ ही इससे ध्वनि प्रदुषण जैसी समस्या भी उत्पन्न होती है। लेकिन केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इसका समाधान निकाल लिया है और जनता को जल्द इस इरिटेटिंग साउंड से छुटकार भी मिलने वाला है। उन्होंने कुछ दिनों पहले बताया भी था कि गाड़ियों के हॉर्न से कितना ज्यादा ध्वनि प्रदूषण होता है। गडकरी ने बताया कि ये अहसास उन्हें तब हुआ जब वे सुबह को प्राणायाम करते थे और उन्हें बेतरतीब से बजने वाले हॉर्न से दिक्कत होती थी और बाधा उत्पन्न होती थी। यहां तक कि नागपुर आवास की 11वीं मंजिल पर भी उन्हें ये आवाजें सुनाई देती थीं। विशेषज्ञों की मानें तो आठ घंटे तक 93 डीबी से अधिक ध्वनि के संपर्क में रहने पर कानों की सुनने की क्षमता को नुकसान हो सकता है।

बीते रविवार को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने नासिक में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि हम अब एक ऐसा कानून लाने की सोच रहे हैं जिसके तहत भारतीय संगीत वाद्ययंत्रों जैसे हारमोनियम, तबला आदि की ध्वनि को वाहनों के लिए हॉर्न के रूप में इस्तेमाल करना अनिवार्य होगा। एम्बुलेंस और पुलिस वाहनों के सायरन को भी सुखदायक ध्वनियों से बदला जाएगा।

स्कूलों और अस्पतालों के 100 मीटर के दायरे में प्रेशर या कानफोड़ू हॉर्न बजाने पर पहले से ही सुप्रीम कोर्ट की पाबंदी है, लेकिन अब सरकार भी प्रेशर हॉर्न से पैदा होने ध्वनि प्रदूषण की रोकथाम के लिए कड़े कदम उठाने जा रही है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी अब इन पर रोक लगाने के लिए नए कानून लाने जा रहे हैं। अगर ये कानून लागू होते हैं तो जल्द ही प्रेशर हॉर्न की जगह संगीत की मधुर धुनें सुनने को मिलेंगी।

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