समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 3 अक्टूबर। प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है। इस दिन भगवान शिव की खास पूजा-अर्चना की जाती है। अक्टूबर माह का पहला प्रदोष व्रत 4 अक्टूबर 2021 को रखा जाएगा. प्रदोष व्रत चन्द्र मास की दोनों त्रयोदशी के दिन किया जाता है जिसमे से एक शुक्ल पक्ष के समय और दूसरा कृष्ण पक्ष के समय होता है। प्रदोष का दिन जब सोमवार को आता है तो उसे सोम प्रदोष कहते हैं, मंगलवार को आने वाले प्रदोष को भौम प्रदोष कहते हैं और जो प्रदोष शनिवार के दिन आता है उसे शनि प्रदोष कहते हैं।
प्रदोष व्रत समय
आश्विन, कृष्ण त्रयोदशी
प्रारम्भ – 10:29 पी एम, अक्टूबर 03
समाप्त – 09:05 पी एम, अक्टूबर 04
पूजा विधि
इस दिन सुबह स्नान करने के बाद भगवान शिव का अभिषेक करें. पंचामृत का पूजा में प्रयोग करें. धूप दिखाएं और भगवान शिव को भोग लगाएं. इसके बाद व्रत का संकल्प लें. मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव त्रयोदशी तिथि में शाम के समय कैलाश पर्वत पर स्थित अपने रजत भवन में नृत्य करते हैं. इस दिन भगवान शिव प्रसन्न होते हैं।