समग्र समाचार सेवा
भोपाल, 19सितंबर। बीजेपी की सीनियर नेता एवं मध्य प्रदेश की पूर्व सीएम उमा भारती ने राज्य में उनकी पार्टी की सरकार द्वारा अगले साल 15 जनवरी तक शराब पर प्रतिबंध नहीं लगाए जाने पर सड़क पर उतर कर शराबबंदी अभियान चलाने की शनिवार को चेतावनी दी है। उमा भारती ने कहा, ”बी.डी. शर्मा और शिवराज सिंह ने कहा कि जागरुकता अभियान से शराबबंदी होनी चाहिए. मेरा मानना है कि यह जागरुकता से नहीं लठ्ठ से ही खत्म होता है… मैं उनको 15 जनवरी तक का समय देती हूं, तब तक हम जागरुकता अभियान चलाएंगे. उसके बाद अभियान का नेतृत्व करने मैं सड़क पर उतर जाऊंगी।
उमा ने कल शनिवार को मीडियाकर्मियों से भोपाल में कहा, ”अगले साल 15 जनवरी के बाद वह मध्य प्रदेश में शराबबंदी अभियान चलाएंगी।” हालांकि, पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ”हमारा यह एक (शांतिपूर्ण) अभियान होगा, न कि उग्र आंदोलन. इस दौरान हम सड़क पर उतर कर राज्य सरकार से मांग करेंगे कि प्रदेश में तुरंत शराबबंदी की जाए।”
मध्य प्रदेश की पूर्व सीएम उमा भारती ने कहा कहा, ”15 जनवरी से पहले हम नशा मुक्ति के लिए सामाजिक जागरूकता अभियान भी चलाएंगे.” उन्होंने कहा, ”शराबबंदी की जानी चाहिए एवं की जा सकती है. राजस्व संग्रह करने के दूसरे रास्ते निकाले जा सकते हैं।”
बी.डी. शर्मा और शिवराज सिंह ने कहा कि जागरुकता अभियान से शराबबंदी होनी चाहिए। मेरा मानना है कि यह जागरुकता से नहीं लठ्ठ से ही खत्म होता है… मैं उनको 15 जनवरी तक का समय देती हूं, तब तक हम जागरुकता अभियान चलाएंगे। उसके बाद अभियान का नेतृत्व करने मैं सड़क पर उतर जाऊंगी: उमा भारती pic.twitter.com/j1roo5Nzfc
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 18, 2021
साथ ही, उमा ने ट्वीट किया, ”मध्य प्रदेश में शराबबंदी आसान इसलिए भी है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा दोनों ही शराबबंदी करने में समर्थ हैं, क्योंकि वह दोनों शराब एवं नशा के खिलाफ हैं।”
बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने ट्वीट में कहा, ”मुझे लट्ठ शब्द का प्रयोग करने का जरा भी रंज नहीं है, क्योंकि सरकार के द्वारा सख्त कानून या महिलाओं का शक्तिशाली अभियान ही शराबबंदी कराएगा।” उमा ने कहा, ”मध्य प्रदेश में बलात्कार, छेड़खानी, दुर्घटनाएं, बीमारियां इन सबका मुख्य कारण शराब का सेवन है। शराबियों के खुलेआम सड़क पर घूमने से मध्य प्रदेश की बहन एवं बेटियां सुरक्षित महसूस नहीं करती, इसलिए मध्य प्रदेश जैसे शांतिप्रिय राज्य में शराबबंदी बहुत जरूरी है।