समग्र समाचार सेवा
मुंबई, 18सितंबर। कोरोना और लॉकडाउन में जनता की सेवा के लिए सामने आए एक्टर सोनू सुद की मुश्किलें कम नही हो रही है। आयकर विभाग लगातार उन पर नजर बनाए हुए है और उनके अलग अलग संपत्तियों पर छापेमारी कर रही है। अब आयकर विभाग ने दावा किया है कि सोनू सूद और उनके सहयोगियों ने 20 करोड़ रुपये की कर चोरी की है।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आरोप लगाया कि अभिनेता सोनू सूद और उनके सहयोगियों ने 20 करोड़ रुपए कर की चोरी की है। बोर्ड ने यह भी आरोप लगाया कि जब आयकर विभाग ने उनके और उनसे जुड़े लखनऊ स्थित एक अवसंरचना समूह के परिसरों पर छापा मारा, तो यह पाया गया कि उन्होंने अपनी ‘‘बेहिसाब आय को कई फर्जी संस्थाओं से फर्जी असुरक्षित ऋण के रूप में’’ दर्शाया।
इतना ही नही बोर्ड ने सूद पर विदेशों से चंदा जुटाने के दौरान विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) का उल्लंघन करने का भी आरोप लगाया।
बता दें कि आयकर विभाग ने अभिनेता और लखनऊ स्थित कारोबारी समूह के परिसरों पर 15 सितंबर को छापे मारे थे जो अभी भी जारी है। सीबीडीटी ने बताया कि अभिनेता और उनके सहयोगियों के परिसरों की छापेमारी के दौरान कर चोरी से संबंधित साक्ष्य मिले हैं।
उसने कहा, ‘‘अभिनेता द्वारा अपनाई जाने वाली मुख्य कार्य प्रणाली यह थी कि वह अपनी बेहिसाब आय को कई फर्जी संस्थाओं से फर्जी असुरक्षित ऋण के रूप में तब्दील करते थे.’’ बयान में बताया गया कि अब तक इस प्रकार की 20 प्रविष्टियों के उपयोग की जानकारी मिली है और जांच के दौरान इनके प्रदाताओं ने ‘‘फर्जी’’ प्रविष्टियां (खातों में लेनदेन प्रविष्टियां) मुहैया कराने की बात स्वीकार की है।
कर विभाग के लिए नीति बनाने वाले निकाय ने कहा, ‘‘उन्होंने (प्रविष्टयां मुहैया कराने वालों ने) नकद के बदले चेक जारी करने की बात स्वीकार की है। ऐसे कई उदाहरण हैं, जब कर चोरी के उद्देश्य से बही खातों में ऋण के रूप में रसीदों को छिपाया गया है।’’
उसने कहा कि इन फर्जी ऋणों का इस्तेमाल ‘‘निवेश करने और संपत्तियां खरीदने’’ के लिए किया गया और अभी तक 20 करोड़ रुपए से अधिक राशि की कर चोरी का पता चला है।
बोर्ड ने बताया कि अभिनेता द्वारा 21 जुलाई, 2020 को स्थापित परमार्थ संगठन ने एक अप्रैल, 2021 से अब तक 18.94 करोड़ रुपये का दान एकत्र किया है, जिसमें से विभिन्न राहत कार्यों के लिए लगभग 1.9 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं और शेष 17 करोड़ रुपए संगठन के बैंक खाते में पड़े है, जिनका इस्तेमाल नहीं किया गया है।’’
लखनऊ में एक इन्फ्रास्ट्रक्चर समूह के विभिन्न परिसरों में एक साथ तलाशी अभियान चलाया गया, जिसमें इस अभिनेता ने एक संयुक्त उद्यम अचल संपत्ति परियोजना में पर्याप्त धन का निवेश किया है, जिसके परिणामस्वरूप कर चोरी और लेखा पुस्तकों में अनियमितताओं से संबंधित आपत्तिजनक साक्ष्यों का पता चला है।
तलाशी के दौरान जानकारी मिली है कि यह समूह सब्कान्ट्रैक्टिंग खर्चों की फर्जी बिलिंग और धन की हेराफेरी में शामिल है। अब तक मिले ऐसे फर्जी अनुबंधों के साक्ष्य 65 करोड़ रुपये से अधिक के हैं। बेहिसाब नकद खर्च, कबाड़ की बेहिसाब बिक्री और डिजिटल डेटा से बेहिसाब नकद लेनदेन के दस्तावेज भी मिले हैं। इसके अलावा, यह भी पता चला है कि इस इंफ्रास्ट्रक्चर ग्रुप/कंपनी ने जयपुर स्थित एक इंफ्रास्ट्रक्चर समूह के साथ 175 करोड़ रुपये का संदिग्ध सर्कुलर लेनदेन किया है। कर चोरी की पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए आगे की जांच की जा रही है।
तलाशी के दौरान 1.8 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की गई है और 11 लॉकरों को निषेधाज्ञा के तहत रखा गया है।
तलाशी अभियान और आगे की जांच अभी भी जारी है।