ज्ञानवापी मस्जिद में मां श्रृंगार गौरी दर्शन पर पाबंदियों से नाराज महिलाओं ने खटखटाया कोर्ट का दरवाजा
समग्र समाचार सेवा
वाराणसी, 20अगस्त। बाबा श्री काशी विश्वनाथ के पश्चिमी क्षेत्र में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद के परिसर में स्थित मां श्रृंगार गौरी का मंदिर में दर्शन पर लगी रोक के बाद नाराज महिलाओं ने कोर्ट का दरवाजा है। इस मंदिर का विवाद वर्ष 1992 में सामने आया था। इन दिनों यह मंदिर फिर से चर्चा में है। दरअसल, इस मंदिर को संरक्षित करने और प्रतिदिन आम श्रद्धालुओं के लिए दर्शन-पूजन के लिए खोले जाने को लेकर काशी की महिलाओं ने वाराणसी के सिविल कोर्ट (सीनियर डिवीजन) में याचिका दाखिल की है।
राखी सिंह ने 4 अन्य महिलाओं के साथ वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर जैन के जरिये कोर्ट में याचिका दायर की है. कोर्ट ने याचिका को स्वीकार करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार, ज्ञानवापी मस्जिद कमेटी और श्री काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट से इस मसले पर जवाब मांगा है. बता दें कि राखी सिंह दिल्ली की रहने वाली हैं और कोर्ट से ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में स्थित मंदिर में पूजा करने की मंजूरी चाहती हैं। कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में स्थित मां श्रृंगार गौरी मंदिर के साथ परिसर में स्थित विग्रहों की स्थिति देखने के लिए अधिवक्ता आयुक्त (पैनल) को गठित किया है. इस मामले पर अगली सुनवाई 10 सितंबर को होगी।
पुरोहित गुलशन कपूर बताते हैं कि श्रृंगार गौरी 9 देवियों में से एक हैं. वाराणसी में नौवीं देवी के रूप में श्रृंगार गौरी विराजमान हैं. ज्ञानवापी परिसर के पश्चिम दीवार पर उनकी प्रतिमा स्थापित है. 1992 के पहले यहां प्रत्येक दिन पूजा-पाठ किया जाता था, लेकिन बाद में सिर्फ एक बार नवरात्र के अंतिम दिन यहां दर्शन पूजन की अनुमति मिलनी शुरू हुई।
गौरतलब है कि 1998 में तत्कालीन कमिश्नर ने यहां दर्शन-पूजन पूरी तरह से बंद करवा दिया. हालांकि, लंबी लड़ाई के बाद 2006 में एक बार फिर से साल में एक बार इस मंदिर में दर्शन-पूजन करने की इजाजत दी गई।