समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 17अगस्त। काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद वहां रह रहे नागरिकों की जिंदगी दांव पर लगी है। चारों तरफ भगदड़ मची हुई है। 120 हिंदू और सिख परिवारों ने गुरुद्वारे में शरण ली है।. सभी परिवार अफ्गानिस्तान से निकलने की कोशिश में जुटे हुए हैं। बिगड़ते हालात को लेकर अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हिंदू और सिख परिवार ने गुरुद्वारा करता परवन में शरण ले ली है।
बता दें कि तालीबानी चरमपंथियों के कारण अफगानिस्तान में सिखों की संख्या घटकर करीब 120 रह गई है। हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं और अफगानिस्तान से सभी लोग बाहर निकलने की कोशिश कर रहे हैं।
अफगानिस्तान में संसद के सदस्य नरिंदर पाल सिंह ने फोन पर बातचीत में बताया कि 100 सिख परिवार गुरुद्वारे में रह रहे हैं। वे फिलहाल यहां सुरक्षित महसूस कर रहे हैं, लेकिन हालात इतने बदतर हैं कि कुछ भी कहा नहीं जा सकता है। उन्होंने कहा कि देश से निकलने के लिए उन्हें कोई भी फ्लाइट नहीं मिल रही है. वे लगातार फ्लाइट की व्यवस्था करने में जुटे हुए हैं. बता दें कि नरिंदर पाल सिंह संसद सदस्य अवतार सिंह खालसा के बेटे हैं. अवतार सिंह खालसा की 2018 में जलालाबाद में एक आत्मघाती बम हमले में उनकी अन्य अफगान नेताओं सहित मौत हो गई थी।
