समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 16अगस्त। सावन माह के शुक्ल पक्ष में आने वाली एकादशी का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। इस एकादशी को पवित्रा एकादशी, श्रावण पुत्रदा एकादशी भी कहा जाता है। इस दिन व्रत रखने से संतान सुख की प्राप्ति होती है।
श्रावण पुत्रदा एकादशी महत्व
ये एकादशी पुत्र प्राप्ति के लिए की जाती है. इस व्रत के नियमों का सही तरीके से पालन किया जाए, तो व्यक्ति की सभी इच्छाएं पूरी हो जाती है।
श्रावण पुत्रदा एकादशी तिथि
श्रावण पुत्रदा एकादशी 18 अगस्त 2021, बुधवार को है.
श्रावण पुत्रदा एकादशी पूजा विधि
सुबह स्नान करें. साफ वस्त्र धारण करें. श्री हरि विष्णु को प्रणाम करके दीपक प्रज्वलित करें. व्रत का संकल्प करें. धूप-दीप दें और विधिवत विष्णु पूजन करें. फलों व नैवेद्य का भोग लगाएं. अंत में श्रीहरि की आरती करें. विष्णु पूजा में तुलसी का प्रयोग अवश्य करें.
दिन भर व्रत रहने के बाद शाम के समय श्रीहरि व मां लक्ष्मी का पूजन करें. व्रत कथा पढ़े या सुनें. भोग अर्पित करें. इस व्रत का पारण अगले दिन यानी द्वादशी तिथि में किया जाता है.
श्रावण पुत्रदा एकादशी शुभ मुहूर्त
एकादशी तिथि प्रारम्भ- 18 अगस्त 2021 को 03:20 एएम
एकादशी तिथि समाप्त- 19 अगस्त 2021 को 01:05 एएम