कम नही हो रहे है पेगासस जासूसी कांड पर विवाद, राहुल गांधी और संबित पात्रा लगा रहे एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 29जुलाई। देश में 19 जुलाई ससंद के मानसून सत्र के शुरूआत से लेकर अब तक सदन में एक ही मुद्दे लेकर जोरदार हंगामा किया जा रहा है। वो है पेगासस जासूसी कांड…विपक्षी दलों का आरोप है कि भाजपा की पीएम मोदी सरकार ने विपक्षी दलों के फोन टैप कराएं है। उनका यह भी आरोप है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के भी फोन टैप कर जासूसी की गई है।
इस मुद्दे को लेकर देश में विपक्ष के नेताओं, अफसरों, जजों, पत्रकारों और एक्टिविस्ट्स की जासूसी के मुद्दे पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने संसद के बाहर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि जासूसी के लिए पेगासस का इस्तेमाल देशद्रोह है। सरकार ने मेरी, सुप्रीम कोर्ट और प्रेस के लोगों की जासूसी की। इस पर तंज कसते हुए भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि राहुल गांधी को अपनी जासूसी का शक है, तो वे अपने फोन की फोरेंसिक जांच क्यों नहीं कराते? उनके फोन में ऐसा क्या है, जिसे वे छिपा रहे हैं।
राहुल गांधी ने कहा- हिंदुस्तान का पूरा विपक्ष यहां खड़ा हुआ है। हर पार्टी के नेता यहां हैं। हमें यहां आज क्यों आना पड़ा, क्योंकि हमारी अवाज को संसद में दबाया जा रहा है। हमारा सिर्फ एक सवाल है। क्या हिंदुस्तान की सरकार ने पेगासस को खरीदा? हां या न। क्या हिंदुस्तान की सरकार ने अपने लोगों पर पेगासस हथियार का उपयोग किया। हां या न? हम सिर्फ ये जानना चाहते हैं।
दूसरी तरफ भाजपा सरकार ने विपक्षी दलों के इन आरोपो को विल्कुल निराधार बताया है। भाजपा के संबित ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी सहित विपक्ष के तमाम नेता सदन की कार्यवाही नहीं चलने दे रहे हैं। जनता सदन में कोरोना पर चर्चा चाहती थी, लेकिन विपक्ष ने ये होने नहीं दिया। राहुल कह रहे हैं कि उनके फोन में हथियार है। उन्हें पुलिस में शिकायत दर्ज करानी चाहिए। क्या कारण है कि वे फोन की फोरेंसिक जांच नहीं करा रहे हैं? उनके मोबाइल में ऐसा क्या है, जो वे जांच कराने से डर रहे हैं। यदि हमारे या आपको फोन में हथियार होगा तो क्या हम घर पर बैठेंगे? बिल्कुल नहीं।
संबित ने कहा- कांग्रेस असली मुद्दों से ध्यान भटकाना चाहती है। आखिर राहुल गांधी की जासूसी कोई क्यों करवाएगा। उनसे तो कांग्रेस पार्टी ही नहीं संभाली जा रही है। पेगासस के मामले पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव विपक्ष को जवाब दे रहे थे, लेकिन विपक्ष ने क्या किया। उनके हाथ से कागज छीनकर फाड़ दिया। ये गैर जिम्मेदाराना हरकत है। एक केंद्रीय मंत्री सदन में जवाब देते हैं और उनके हाथ से कागज छुड़ाकर फाड़ दिया जाता है, क्या इसी लोकतंत्र की बात हो रही है।
राहुल का आरोप- देशद्रोहियों के बजाय नागरिकों की जासूसी
राहुल बोले- सरकार ने कहा है कि संसद में पेगासस पर कोई बात नहीं होगी। साफ तौर पर सरकार ने कुछ गलत किया है, सरकार ने कुछ ऐसा किया है जो देश के लिए खतरनाक है। वरना वे कहते कि आइए और चर्चा कीजिए। हमारे बारे में कहा जाता है कि हम संसद की कार्यवाही को चलने नहीं दे रहे हैं। आपको विपक्ष के सभी नेता यहां बताएंगे कि हमारी सरकार से क्या मांगें हैं। जिस हथियार को आतंकवादियों और देशद्रोहियों के खिलाफ उपयोग किया जाना चाहिए उसका उपयोग नरेंद्र मोदी जी ने भारतीय संस्थाओं और लोकतंत्र के खिलाफ क्यों उपयोग किया।
राहुल का कहना था, “हम संसद में सिर्फ इस मुद्दे पर ही बात करना चाहते हैं। यदि हमने अभी यह कह दिया कि अभी पेगासस पर बात नहीं करेंगे तो यह मुद्दा खत्म हो जाएगा। ये हमारे लिए राष्ट्रवाद का मामला है। ये एंटी नेशनल काम है। नरेंद्र मोदी जी और अमित शाह जी ने देश की आत्मा को चोट पहुंचाई है। हम सिर्फ इतना जानना चाहते हैं कि क्या सरकार ने इसका इस्तेमाल किया और सरकार ने किस-किस पर इसका इस्तेमाल किया?”