समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 25जुलाई। महाराष्ट्र में पिछले कई दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश से आई बाढ़ और उससे हुए भू-स्खलन की वजह से तबाही मची हुई है और गांव के गांव तबाह हो गए हैं. गांवों के लिए ये बारिश और बाढ़ तबाही बनकर टूट रही है और कई गांवों में खौफनाक मंजर दिख रहा है. बता दें कि प्रदेश में पिछले 24 घंटे के दौरान भारी बारिश, भूस्खलन और बाढ़ से अबतक 112 लोगों की मौत हो गई है जबकि 99 लोग लापता हैं। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सेना के जवान लगातार राहत और बचाव कार्य में लगे हुए हैं
महाराष्ट्र के गांवों में बारिश और बाढ़ ने सबसे ज्यादा कहर बरपाया है. कोंकण के रायगढ़ जिले में तीन स्थानों पर भूस्खलन की घटनाएं हुईं हैं जिससे कई घर गिर गए हैं. सिर्फ महाड के तलिये गांव में हुए भूस्खलन से अब तक 52 शव मलबे से निकाले जा चुके हैं और 53 लोग लापता बताए जा रहे हैं. घटना में 33 लोग गंभीर रूप से घायल हैं जिनका इलाज चल रहा है।
राज्य आपदा नियंत्रण कक्ष के अनुसार, रायगढ़, रत्नागिरी, सांगली, सतारा, कोल्हापुर, सिंधुदुर्ग और पुणे में पिछले 24 घंटे के भीतर अब तक 112 शव मलबे से निकाले गए जबकि 53 लोग गंभीर रूप से घायल हैं.जानकारी के मुताबिक तलिये गांव के अलावा रायगढ़ जिले के पोलादपुर तालुका में सुतारवाड़ी में भूस्खलन से 5 की मौत और एक लापता है जबकि 15 लोग घायल हैं।
वहीं, केवलाले गांव में भी 5 लोगों की मौत हुई है और 6 लोग गंभीर रूप से जख्मी हुए हैं. वशिष्ठी नदी पर पुल बह जाने के कारण चिपलून की ओर जाने वाला मार्ग पूरी तरह अवरुद्ध हो गया है और मुंबई-गोवा महामार्ग पर वाहनों की लंबी कतार लग गई हैं।
पश्चिमी महाराष्ट्र के पुणे मंडल में आज भी भारी बारिश हो रही है और नदियां उफान पर हैं. बाढ़ और बारिश से तबाही के बीच अब तक 1,35,313 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है, इनमें 40,882 लोग कोल्हापुर जिले से हैं. सांगली में 78000, सतारा में 5656, ठाणे में 6,930 और रायगढ़ जिले में 1000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर लाया गया है