ओम (ॐ) बोलने के 11 शारीरिक लाभ

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समग्र समाचार सेवा

नई दिल्ली, 11जुलाई। ओम (ॐ) के बिना किसी घर की पूजा पूरी नहीं होती। कहते हैं बिना ओम (ॐ)के  सृष्टि की कल्पना भी नहीं हो सकती है। ऐसा माना जाता है कि सम्पूर्ण ब्रह्माण्डसे हमेशा  ॐ की ध्वनि निकलती है। लेकिन हममें से बहुत कम लोग ही जानते होंगे कि ओम बोलने से क्या-क्या फायदे होते है।

ॐ के 11 शारीरिक लाभ: 

ॐ : ओउम् तीन अक्षरों से बना है..
अ उ म् ।

🔸 “अ” का अर्थ है उत्पन्न होना,
🔸 “उ” का तात्पर्य है उठना, उड़ना अर्थात् विकास,
🔸 “म” का मतलब है मौन हो जाना अर्थात् “ब्रह्मलीन” हो जाना।

👉 ॐ सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति और पूरी सृष्टि का द्योतक है।
👉 ॐ का उच्चारण शारीरिक लाभ प्रदान करता है।

👉जानिए
ॐ कैसे है स्वास्थ्यवर्द्धक और अपनाएं आरोग्य के लिए ॐ के उच्चारण का मार्ग…

🔺01. ॐ और थायराॅयडः-
ॐ का उच्‍चारण करने से गले में कंपन पैदा होती है जो थायरायड ग्रंथि पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।

🔺02. ॐ और घबराहटः-
अगर आपको घबराहट या अधीरता होती है तो ॐ के उच्चारण से उत्तम कुछ भी नहीं।

🔺03. ॐ और तनावः-
यह शरीर के विषैले तत्त्वों को दूर करता है, अर्थात तनाव के कारण पैदा होने वाले द्रव्यों पर नियंत्रण करता है।

🔺04. ॐ और खून का प्रवाहः-
यह हृदय और ख़ून के प्रवाह को संतुलित रखता है।

🔺05. ॐ और पाचनः-
ॐ के उच्चारण से पाचन शक्ति तेज़ होती है।

🔺06. ॐ लाए स्फूर्तिः-
इससे शरीर में फिर से युवावस्था वाली स्फूर्ति का संचार होता है।

🔺07. ॐ और थकान:-
थकान से बचाने के लिए इससे उत्तम उपाय कुछ और नहीं।

🔺08. ॐ और नींदः-
नींद न आने की समस्या इससे कुछ ही समय में दूर हो जाती है। रात को सोते समय नींद आने तक मन में इसको करने से निश्चिंत नींद आएगी।

🔺09. ॐ और फेफड़े:-
कुछ विशेष प्राणायाम के साथ इसे करने से फेफड़ों में मज़बूती आती है।

🔺10. ॐ और रीढ़ की हड्डी:-
ॐ के पहले शब्‍द का उच्‍चारण करने से कंपन पैदा होती है। इन कंपन से रीढ़ की हड्डी प्रभावित होती है और इसकी क्षमता बढ़ जाती है।

🔺11. ॐ दूर करे तनावः-
ॐ का उच्चारण करने से पूरा शरीर तनाव-रहित हो जाता है।

 

 

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