समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 3जुलाई। आषाढ़ मास की कृष्ण एकादशी को “योगनी” अथवा “शयनी” एकादशी कहते है. हिंदू धर्म में एकादशी का व्रत महत्वपूर्ण स्थान रखता है. प्रत्येक वर्ष चौबीस एकादशियाँ होती हैं. उनमें आषाढ़ मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी कहते हैं। आषाढ़ कृष्ण एकादशी का नाम योगिनी है. इसके व्रत से समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं। यह इस लोक में भोग और परलोक में मुक्ति देने वाली है. यह तीनों लोकों में प्रसिद्ध है. इस बार योगिनी एकादशी 5 जुलाई 2021 को मनाई जाएगी।
योगिनी एकादशी शुभ मुहूर्त
योगिनी एकादशी सोमवार, जुलाई 5, 2021 को
एकादशी तिथि प्रारम्भ – जुलाई 04, 2021 को 07:55 पी एम बजे
एकादशी तिथि समाप्त – जुलाई 05, 2021 को 10:30 पी एम बजे
6वाँ जुलाई को, पारण (व्रत तोड़ने का) समय – 05:29 ए एम से 08:16 ए एम
व्रत के नियम
– इस दिन घर में अंडा, मांस का सेवन नहीं करना चाहिए. इस दिन सात्विक भोजन करना चाहिए.
– दशमी की रात से ही द्वादशी की रात तक ब्रह्मचर्य का पालन करना होता है और दशमी की रात को जमीन पर सोया जाता है, जबकि एकादशी की रात को जागकर भगवान का कीर्तन किया जाता है. यदि आराम करना भी हो तो जमीन पर ही करें.
– दशमी की रात से लेकर द्वादशी के सुबह पारण करने तक अन्न ग्रहण नहीं किया जाता. इस व्रत को भक्त अपनी श्रद्धा से निर्जल, सिर्फ पानी लेकर, फल लेकर या एक समय फलाहार लेकर करते हैं.
– व्रत के नियम दशमी को सूर्यास्त के बाद से ही लागू हो जाते हैं. व्यक्ति को भोजन दशमी को सूर्यास्त से पहले ही ग्रहण करना होता है, इसके बाद व्रत शुरू होता है और द्वादशी के दिन पारण करने तक चलता है.