समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 1जुलाई। 1 जुलाई 2021 दिन गुरुवार यानी आज से कुछ नियमों में बड़े बदलाव हो रहे हैं। कुछ बदलाव ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने और गाड़ियों की कीमतों से संबंधित हैं, तो कुछ बैंकिंग सेवाओं से जुड़े हैं। ये बदलाव क्या हैं और इनका असर आपके ऊपर कैसे पड़ सकता है, आइए जानते हैं-
1. टैक्सपेयर्स को राहत
कोरोना महामारी के चलते सरकार ने प्रत्यक्ष कर विवाद निवारण योजना ‘विवाद से विश्वास’ के तहत भुगतान करने की समय-सीमा दो महीने बढ़ाकर 30 जून कर दी है। CBDT के मुताबिक प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास अधिनियम, 2020 के तहत देय रकम के भुगतान का समय बढ़ाकर 30 जून, 2021 तक किया गया है। विवादित कर का 100 प्रतिशत और विवादित जुर्माना या ब्याज अथवा शुल्क का 25 प्रतिशत देकर टैक्स से जुड़े लंबित मामलों का निपटारा किया जा सकता है।
2. बदल रहे हैं SBI के नियम
स्टेट बैंक 1 जुलाई से नए सर्विस चार्ज लागू कर रहा है। ATM, Cheque book, मनी ट्रांसफर और दूसरी सुविधाओं में नए चार्ज लगाए गए हैं। ये सभी चार्ज 1 जुलाई 2021 से लागू होंगे। एक महीने में सिर्फ 4 ट्रांजैक्शन ही हो सकेंगे। इसका मतलब है कि बैंक से पैसे निकालने पर भी आपको फीस देनी पड़ेगी। एक महीने में 4 से ज्यादा ट्रांजैक्शन होने पर 15 रुपये चार्ज और GST का पैसा देना पड़ेगा।
3. केनरा बैंक का IFSC कोड बदल जाएगा
सिंडिकेट बैंक का केनरा बैंक में विलय हो चुका है और इसकी बैंकिंग डिटेल बदलने वाली है। केनरा बैंक ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर बताया है कि सिंडिकेट बैंक के ग्राहकों के लिए 1 जुलाई से IFSC कोड बदल जाएगा। ग्राहकों को NEFT/ RTGS/IMPS के जरिये फंड लेने के लिए नए केनरा आईएफएससी कोड का इस्तेमाल करना होगा। नया IFSC केनरा बैंक की वेबसाइट में जाकर पता किया जा सकता है। इसके अलावा सिंडिकेट बैंक के ग्राहकों को अब नए आईएफएससी और एमआईसीआर कोड के साथ नई चेक बुक बैंक से लेनी होगी।
4. सिलेंडर की कीमतों में बदलाव
भारत में तेल कंपनियां हर महीने की शुरुआत में LPG सिलेंडर की कीमतों की समीक्षा करती है और जरूरत के हिसाब से उसमें बदलाव किया जाता है।
5. ड्राइविंग लाइसेंस
अब हर ड्राइवर को लर्निंग लाइसेंस बनवाने के लिए RTO दफ्तर जाने की जरूरत नहीं होगी। यह व्यवस्था पहली जुलाई से शुरू होनी है। सरकार की योजना थी कि लर्निंग लाइसेंस बनाने की व्यवस्था को खत्म कर दिया जाए। वाहन चालकों को पूरी तरह से प्रशिक्षण देने के बाद स्थायी ड्राइविंग लाइसेंस दे दिया जाए। इसके लिए केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम को बदलना पड़ता। इसमें संशोधन करना आसान नहीं हैं। इसलिए सरकार ने लर्निंग लाइसेंस बनवाने वालों को RTO दफ्तर जाने से मुक्ति दिलाने की योजना तैयार की है।