विश्व हिन्दू परिषद ने की मांग, धर्मांतरण पर रोक के लिए बने केन्द्रीय कानून

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 23जून। धर्मांतरण पर रोक लगाने के लिए केन्द्रीय कानून बनाने की मांग करते हुए विश्व हिन्दू परिषद ने कहा है कि दिल्ली के जामिया नगर से धर्मांतरण के षड्यंत्रकारियो के पकड़े जाने से आज पूरे देश को यह स्पष्ट हो गया है कि धर्मांतरण का जाल कितना गहरा, व्यापक, घिनौना और राष्ट्रव्यापी है। ये लोग अभी तक भोले और मासूमों को अपना शिकार बनाते थे। अब वे मूक-बधिर बालकों को भी निशाना बनाने का अमानवीय अपराध कर रहे हैं। कई बच्चे लापता हैं। इनको आतंकी गतिविधियों में शामिल किए जाने की आशंका है।
विश्व हिंदू परिषद के केन्द्रीय संयुक्त महामंत्री डा सुरेन्द्र जैन ने बताया कि इनको विदेशों से भी पैसा मिल रहा है तथा मुस्लिम समाज का एक वर्ग इनका समर्थन भी कर रहा है। इसीलिए बिना तथ्यों के जाने एक मुस्लिम नेता ने इनको निरपराध घोषित कर दिया। हो सकता है इनके बचाव के लिए ये लोग बड़ी-बड़ी फीसें देकर बड़े वकीलों की एक फौजी भी खड़ी कर दे जैसा ये पहले भी करते रहे हैं। इनका यह षड्यंत्र आज का नहीं है। इस्लाम के भारत में प्रवेश के साथ ही धर्मांतरण का कुचक्र शुरू हो गया था। इस षड्यंत्र का स्वरूप राष्ट्रव्यापी है तथा इसके कई रूप सामने आ चुके हैं। इसीलिए एक न्यायपालिका ने कहा था कि लव जिहाद धर्मांतरण का सबसे घिनौना रूप है।

विहिप का कहना है कि अब धर्मांतरण के इस घिनौने स्वरूप की व्यापक जांच के लिए नियोगी कमीशन जैसा जांच आयोग बनाना चाहिए जिसका कार्यक्षेत्र संपूर्ण देश हो। नियोगी कमीशन और वेणु गोपाल कमीशन ने धर्मांतरण विरोधी केंद्रीय कानून बनाने की सिफारिश की थी।

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