नही रहें फ़्लाइंग सिख के नाम से मशहूर हिंदुस्तान के महान एथलीट मिल्खा सिंह

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समग्र समाचार सेवा
चंडीगढ़, 19जून। महान एथलीट मिल्खा सिंह का देर रात करीब 11. 30 बजे कोविड संक्रमण से जुड़ीं मुश्किलों के चलते निधन हो गया। उन्होंने चंडीगढ़ में अंतिम सांस ली।
बता दें कि 91 साल के मिल्खा सिंह 3 जून को कोरोना संक्रमित हुए थे। उनकी रिपोर्ट निगेटिव भी आ गई थी, लेकिन इसके बाद भी उन्हें कोविड से जुड़ी दिक्कतें हुईं। उन्हें कुछ दिन पहले अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वह कई दिन तक आईसीयू में थे। काफी कोशिशों के बाद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका।
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि महान एथलीट मिल्खा सिंह का निधन एक युग का अंत है और उनके जाने से भारत और पंजाब एक लिहाज से गरीब हुए हैं. हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि देश ने एक सितारा खो दिया है।

अमरिंदर सिंह ने एक ट्वीट में कहा, मिल्खा सिंह जी के निधन के बारे में सुनकर दुखी हूं. यह एक युग के अंत का प्रतीक है. शोक संतप्त परिवार और लाखों प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदना. फ्लाइंग सिख की किवदंती आने वाली पीढ़ियों के लिए गूंजेगी. आपकी आत्मा को शांति मिले- सर! हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा, मिल्खा सिंह हमें छोड़कर चले गए हैं, लेकिन वह हमेशा हर भारतीय को देश के लिए चमकने के लिए प्रेरित करेंगे।

मिल्खा ने एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता में चार बार स्वर्ण पदक जीता है और 1958 के राष्ट्रमंडल खेलों में भी स्वर्ण पदक जीता था। उन्हें 1960 के रोम ओलंपिक के 400 मीटर फाइनल में उनकी एपिक रेस के लिए याद किया जाता है।
उन्होंने 1956 और 1964 के ओलंपिक में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया है और उन्हें 1959 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था. बीते 13 जून को ही मिल्खा सिंह की पत्नी निर्मल कौर का कोरोना के कारण निधन हो गया था. मिल्खा सिंह के परिवार में तीन बेटियां डॉ. मोना सिंह, अलीजा ग्रोवर, सोनिया सांवल्का और बेटा जीव मिल्खा सिंह हैं. गोल्फर जीव, जो 14 बार के अंतरराष्ट्रीय विजेता हैं, भी अपने पिता की तरह पद्म श्री पुरस्कार विजेता हैं।

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