समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 14जून। स्पर्म डोनेट कर पिता बनने की कहानी आज की नही है बल्कि यह लगभग 8 दशक पहले से ही प्रचलन में है। हालांकि ज्यादात्तर लोगों को आयुष्मान खुराना की फिल्म विकी डोनर के जरिए भी कई लोगों को स्पर्म डोनेशन के कॉन्सेप्ट के बारे में पता चला था लेकिन आज से लगभग 8 दशक पहले ही एक शख्स स्पर्म डोनेशन के सहारे 1000 बच्चों को पैदा कर चुका था।
हफिंगटनपोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, 1940 के दशक के दौरान डॉक्टर बर्टोल्ड वाइजनर ने अपनी पत्नी डॉक्टर मैरी बार्टन के साथ मिलकर एक फर्टीलिटी क्लीनिक खोला था. इस क्लीनिक का नाम बार्टन क्लीनिक था. लंदन में मौजूद इस क्लीनिक को काफी विवादों का भी सामना करना पड़ा था। दरअसल इस क्लीनिक में घोषणा की गई थी कि सिर्फ बेहद बुद्धिमान लोगों को ही इस क्लीनिक में स्पर्म डोनर के रूप में स्वीकार किया जाएगा. इस क्लीनिक में ज्यादातर अपर मिडिल क्लास और अपर क्लास के लोगों को ही डोनर बनाया जाता था. इसके चलते ये क्लीनिक काफी विवादों में था।
मैरी बॉर्टन ने 1959 में दिए गए एक इंटरव्यू में कहा था कि हम उन्हीं डोनर्स को लेते हैं जो औसत से अधिक बुद्धिमान होते हैं. आप किसी बच्चे को पैदा करने जा रहे हैं, जाहिर है ये एक बड़ी जिम्मेदारी है और इसके लिए किसी भी शख्स का स्टैंडर्ड सामान्य से बेहतर होना ही चाहिए। हालांकि इस क्लीनिक को लेकर विवादों का सिलसिला थमा नहीं था और कई लोग इस क्लीनिक को बंद कराने की मांग भी करने लगे थे. इसलिए इस कपल के एकेडेमिक सर्कल में मौजूद करीबी दोस्त ही स्पर्म डोनर बनने लगे।
ये क्लीनिक विवादित होने के बावजूद लोगों के बीच काफी लोकप्रियता हासिल करता जा रहा था और डोनर्स की मांग काफी बढ़ती जा रही थी. इसके बाद ही डॉक्टर वाइजनर ने फैसला किया कि वे खुद स्पर्म डोनेशन के लिए अपने सैंपल देंगे। हालांकि डॉक्टर वाइजनर की पत्नी को इस बारे में कोई आइडिया नहीं था. साल 2001 में सामने आया था कि इस क्लीनिक के साथ जुड़ाव के चलते न्यूरो केमिस्ट और डॉक्टर वाइजनर के दोस्त डेरेक रिचटर ने कम से कम 100 बच्चों के लिए स्पर्म डोनेट किया था।
संडे टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2007 में 18 लोगों के डीएनए टेस्ट्स हुए थे जिसमें ये सामने आया था कि साल 1943 से लेकर साल 1962 तक इस क्लीनिक की स्पर्म डोनेशन से पैदा हुए बच्चों में से एक तिहाई बच्चे डॉक्टर वाइजनर के थे। डॉक्यूमेंट्री फिल्ममेकर बैरी स्टीवन्स और बैरिस्टर डेविड गोलांज का दावा है कि डॉक्टर वाइजनर ने 600 से लेकर हजार बच्चों को पैदा करने के लिए स्पर्म डोनेट किया था. दरअसल बैरी और डेविड को पता चला था कि उनके बायोलॉजिकल पिता डॉक्टर वाइजनर ही हैं. इसके बाद उन्होंने ये तफ्तीश शुरू की थी।
संडे टाइम्स को दिए इंटरव्यू में बैरी ने कहा था कि उनके बारे में रिसर्च करने के बाद मैं कह सकता हूं कि वे हर साल कम से कम 20 बार स्पर्म डोनेशन कर रहे थे. वही स्टीवन्स ने अपनी रिसर्च में पाया कि बार्टन लगभग 1000 बच्चों के लिए सैंपल दे चुके थे। डॉक्टर बार्टन की मौत साल 1972 में हुई थी. रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने अपने क्लीनिक के सभी मेडिकल रिकॉर्ड्स को नष्ट कर दिया था. इसके चलते उनके असल बच्चों की संख्या का पता लगाना रिसर्चर्स के लिए काफी चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है।