एस एस विजय मिश्र।
लोक नायक जयप्रकाश नारायण ने 5 जून 1974 को पटना के गांधी मैदान में सम्पूर्ण क्रांति का आवाहन किया था । मेरी दृष्टि में आज भी जे० पी० और सम्पूर्ण क्रांति सामयिक है 1974 से 2021 में 48 वर्षों का फ़ासला तय हो चुका है ।टब की जन्मी पीढ़ी आज अधेड़ हो गयी है ।
* आज जे० पी०के अनेकों सिपाह सालार देश और प्रदेशों में सत्ता की सर्वोच्च कुर्सियों पर विराजमान हैं अधिकांश लोग एवं उनके पुत्र गण अनेक राजनैतिक दलों के कर्णधार भी बने बैठे हैं। सन 1942 के क्रांति नायक ने सन 1974 में फिर से देश की पीड़ा को समझा था और दिशा हीन समझे जाने वाले युवकों में नयी चेतना भरकर धारा के विरुद्ध संघर्ष का आवाहन किया था । *एक स्वप्न दिखाया था जे पी ने युवाओं को और सम्पूर्ण क्रांति के माध्यम से उस स्वप्न को साकार करने का मार्ग भी दिखाया था । *पाँच दशक हो गये अब हमारे बीच कोई जयप्रकाश नही हैं जिसके आभाव में हमारा युवा वर्ग यथास्थिति वाला होकर रह गया है *। *आज इस लोक तांत्रिक देश में लोकतंत्र नीलाम हो रहा है । प्रायः सभी दल पूँजीवादी व्यवस्था की ओर भटक रहे हैं जिसके कारण आज प्रतिनिधित्व भी बाज़ार में नीलामी के लिए खड़ा है । देश का लोकतंत्र पूँजीवाद का ग़ुलाम बनता दिख रहा है । चुनाव जीत जाना सेल्स मैन जैसी कला हो गयी है ।आज सम्पूर्ण क्रांति दिवस के अवसर पर जे पी आंदोलन के एक कार्यकर्ता की हैसियत से स्वयं को दोषी मानते हुए मुझे यह स्वीकार करने में कोई हिचक नही है कि वास्तव में हमने भी यथास्थिति वाद को ही पुष्ट किया और लालू मुलायम चौटाला आदि को पैदा होने दिया । हम फिर विफल हो गये इस लिये सत्ता शीर्ष पर बैठे चंद नेताओं – नौकरशाहों और बिचौलियों ने हमारे देश का धन लूटा और हमारी आस्था को भी नष्ट भ्रष्ट कर दिया है । आज आज़ादी और लोकतंत्र का जब अंतिम संस्कार किया जा रहा है और युवा पीढ़ी शून्यता में भटक रही है तो लोक नायक जयप्रकाश नारायण के सम्पूर्ण क्रांति के दर्शन और उनके बताए मार्ग का अनुसरण करने से दराष्ट्र को बचाया जा सकता है ।
जयपंचायती राज *
* एस एस विजय मिश्र *
