समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 2जून। सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस न्यायमूर्ति अरुण कुमार मिश्रा (सेवानिवृत्त) ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष बने। उन्होंने आज से ही अपना पदभार संभाला। सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली समिति ने उनके नाम को मंजूरी दी थी। बता दें कि NHRC के अध्यक्ष का पद पिछले छह महीने से खाली था।
जस्टिस अरुण मिश्रा ने 1978 में एक वकील के रूप में काम शुरू किया। वह 1998-99 में बार काउंसिल ऑफ इंडिया के सबसे कम उम्र के अध्यक्ष चुने गए।
कौन हैं जस्टिस अरुण कुमार मिश्रा ?
मध्य प्रदेश के जबलपुर के रहने वाले जस्टिस अरुण कुमार मिश्रा ने विज्ञान में एमए की डिग्री लेने के बाद क़ानून की पढ़ाई की। उनके परिवार में वकालत पहले से है। उनके पिता हरगोविंद मिश्रा जबलपुर हाई कोर्ट के जज थे, जबकि उनके परिवार में कई रिश्तेदार नामी वकील हैं। उनकी बेटी भी दिल्ली हाई कोर्ट की वकील हैं। लगभग 21 सालों तक वकालत करते रहने के बावजूद उन्होंने क़ानून पढ़ाने का काम भी किया और मध्य प्रदेश में ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय से जुड़े रहे।
बता दें कि जस्टिस मिश्रा के नाम की सिफारिश पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, राज्यसभा के उपसभापति, हरिवंश, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के पैनल ने की थी। नियुक्ति समिति ने भी मानवाधिकार पैनल के प्रमुख के लिए पूर्व एससी न्यायाधीश अरुण कुमार मिश्रा के नाम की सिफारिश की थी।
जानकाी के मुताबिक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के नए अध्यक्ष और सदस्यों के चयन की प्रक्रिया से खुद को अलग करने के लिए कहा।
Justice Arun Kumar Mishra (Retd) takes over as the Chairman of the National Human Rights Commission pic.twitter.com/4D1JRAqQQD
— ANI (@ANI) June 2, 2021