समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,2जून। आपको यह सूनकर कैसा लगेगा जब कंपनी खुद कहे मैने जो प्रोड्क्ट बनाई है और आप युज करते आ रहे है वो हेल्दी कैटेगरी में नही आते है। जी हां कुछ ऐसा ही अब हुआ है जब दुनिया की सबसे बड़ी फूड एंड ड्रिंक कंपनियों में शुमार नेस्ले ने कथित तौर पर स्वीकार किया है कि उसके 60% प्रोडक्ट्स हेल्दी कैटेगरी में नहीं आते। कंपनी अब अपने प्रोडक्ट्स में न्यूट्रिशन वैल्यू बढ़ाने के लिए नई योजना पर काम कर रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी के एक इंटरनल डॉक्यूमेंट में ये बात कही गई है कि उसके 60% प्रोडक्ट्स ‘स्वस्थ्य की मान्यता प्राप्त परिभाषा’ और पोषण को पूरा करने में विफल रहे हैं। इस खुलासे के सामने आने के बाद अब हड़कंप मचा हुआ है।
नेस्ले, मैगी नूडल्स, किटकैट और नेस्कैफे बनाने वाली नेस्ले ने एक इंटरनल डाक्यूमेंट में इस बात को स्वीकार किया है और कहा है कि उसके 60% से अधिक खाद्य और पेय पोर्टफोलियो “स्वास्थ्य की मान्यता प्राप्त परिभाषा” को पूरा नहीं करते हैं। उसने यह भी दावा किया है कि उसके कुछ खाद्य उत्पाद ‘कभी भी हेल्दी’ नहीं होंगे। ये प्रोडक्ट ऐसे हैं जिस पर कितना भी काम कर लें लेकिन ये अनहेल्दी ही रहेंगे।
सेहत से जुड़े इस मामले पर हाल ही में‘फाइनेंशियल टाइम्स’ में इस मामले में एक रिपोर्ट छापी (प्रकाशित) है. उसमें कहा गया है कि नेस्ले का यह बयान आंतरिक सर्वे पर आधारित है। रिपोर्ट में कहा गया कि नेस्ले के 37 फीसदी फूड एंड ड्रिंक्स प्रोडक्ट्स की रेटिंग 3.5 है. यह रेटिंग ऑस्ट्रेलिया की हेल्थ स्टार रेटिंग सिस्टम से जारी हुआ है. इस सिस्टम के मुताबिक, प्रोडक्ट्स को रेटिंग 1 से 5 तक दी जाती है. सिस्टम के आंकड़ों का इस्तेमाल इंटरनेशनल ग्रुप्स में हर जगह होता है।