यास चक्रवात का असर, बिहार में 12-15 जून तक भीषण बारिश की आशंका

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समग्र समाचार सेवा
पटना, 29मई। अभी कोरोना महामारी से निजात मिली नही कि प्राकृतिक आपदा चक्रवात यास ने भयंकर तबाही मचा कर रख दी है। जिसके कारण बिहार में दो दिनों से हो रही लगातार बारिश हो रही है जिससे पूरा जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
बता दें कि तेज बारिश के कारण राजधानी पटना समेत कई जिला मुख्यालयों में जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। मौसम विभाग के अनुसार उत्तर बिहार में आज भी कुछ जगहों पर भारी बारिश हो सकती है। ऐसे बिहार के अधिकतर जिलों में बादल छाए रहेंगे. मौसम विभाग ने इस बीच गया और नवादा जिला के लिए विशेष तौर पर अलर्ट जारी किया है क्योंकि यहां मध्यम से भारी बारिश के बीच वज्रपात की भी आशंका है।

यास के कारण राज्य के कई जिलों में हुई मूसलाधार बारिश से जनजीवन पर भारी असर पड़ा है. पटना, गया, पूर्णिया सहित कई जिलों में रिकॉर्डतोड़ बारिश हुई जिससे जगह-जगह जलभराव की स्थिति हो गई है।

यास तूफ़ान अब यूपी के पूर्वांचल क्षेत्र में प्रवेश कर चुका है। प्रदेश के अधिकतर हिस्सों में हवा की रफ्तार और बारिश की तीव्रता कम हो गई है।अगले 24 घंटों में यह और भी कम हो जाएगी. चक्रवात यास कम दबाव के क्षेत्र के रूप में बदलकर राज्य के उत्तर पश्चिम दिशा में आगे बढ़ गया है और अगले 24 घंटों में कमजोर होकर इसी ओर स्थिर रहने के आसार हैं. इसके प्रभाव से इसका प्रभाव शुक्रवार दोपहर बाद से ही सूबे में दिखने लगा है।
एक अनुमान के मुताबिक 12 या 13 जून को इसके बिहार में प्रवेश करने की संभावना लग रही है। बिहार में समान्यत: जून से लेकर सितंबर तक मानसून की बारिश होती है। इस साल सामान्य से अधिक बारिश होने के आसार हैं।

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