समग्र समाचार सेवा
लखनऊ, 27मई। कोरोना महामारी के दौरान देश के सभी राज्यों में काफी दिक्कतों का लोगों को सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में यूपी में कर्मचारी यूनियनों द्वारा लगातार अपनी मांगों को पूरा कराने को लेकर हड़ताल करते आए है और आगे भी करने की तैयारी में है। लेकिन कोरोना महामारी के दौरान कर्मचारी यूनियनों का हड़ताल पर जाना राज्य के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकता था जिसे देखते हुए राज्य सरकार ने एक ऐसा नियम लागू किया है जिसके बाद कर्मचारी अगले 6 महिने तक राज्य में कोई हड़ताल नही कर सकेंगे।
जी हां यूपी की योगी सरकार ने सख्ती अपनाते हुए राज्य में एस्मा (ESMA) लागू कर दिया है। आवश्यक सेवा अनुरक्षण अधिनियम 1966 के लागू होने के साथ ही यूपी में सभी आवश्यक सेवाओं से संबंधित कर्मचारियों के हड़ताल पर रोक लग चुकी है। बता दें कि राज्य सरकार के तहत आने वाली सभी लोक सेवा, निगम, प्राधिकरण व अन्य सरकारी विभागों पर यह आदेश लागू रहेगा।
जानकारी के मुताबिक सरकार ने राज्य में फिलहाल 6 महीने के लिए एस्मा को लागू किया है। आवश्यतानुसार इस अवधि को आगे भी बढ़ाया जा सकता है. वहीं राज्य में अगर हालात सही रहे तो इसे वक्त से पहले भी खत्म किया जा सकता है. बता दें कि इस कानून के राज्य में लागू किए जाने के बाद आवश्यक सेवाओं से संबंधित कर्मचारी हड़ताल पर नहीं जा सकेंगे. सभी कर्मचारियों को इन आदेशों का पालन करना होगा. अति आवश्यक कर्मचारी अगर इस नियम का उल्लंघन करता पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सकती है।
साल 1968 में बनाया गया था यह कानून
बता दें कि इस कानून को संकट के समय में कर्मचारियों व यूनियनों द्वारा किए जा रहे हड़तालों को रोकने के लिए इस कानून को साल 1968 में बनाया गया था। यह कानून भारतीय संसद द्वारा पारित है। बता दें कि इस कानून को अधिकतम 6 महीने के लिए लगाया जा सकता है। इस कानून को लगाए जाने के बाद अगर कर्मचारी हड़ताल पर जाते हैं तो इसे कानून का उल्लंघन माना जाता है। साथ ही कर्मचारी को बिना वारंट के गिरफ्तार भी किया जा सकता है।